इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ रवींद्र कुमार चौधरी ने बताया कि फाइलेरिया के लिये डीइसी (डाइ इथाइस कारबामेजाइन साइट्रेट) व अल्बेंडाजोल सुरक्षित दवाएं हैं जो कि पिछले बीस वर्षो से पूरी दुनिया में उपयोग में लाये जा रहे हैं. जो व्यक्ति स्वस्थ दिखते हैं उनके खून में भी फाइलेरिया के रोगाणु हो सकते हैं और इन दवाओं से यह रोग ठीक हो सकता है.
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ रवींद्र कुमार चौधरी ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर पूरे जिले में 13 लाख 21 हजार 603 का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिये 5271 दवा वितरकों की टीम, पर्यवेक्षण कार्य के लिए 527 पर्यवेक्षक यानी दस दवा वितरक पर एक पर्यवेक्षक का दायित्व निर्वहन के लिये लोगों में 40 लाख 67 हजार 250 डीइसी और 13 लाख 1520 अल्बेंडाजोल की टेबलेट बांटी जायेगी. 29 मई से शुरू होनेवाले इस अभियान के लिए पूरे जिले में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.