नुआंव. नहरों में पानी नहीं आने से रबी फसल को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गयी है. पानी नहीं रहने से किसान 130 रुपये प्रति घंटे डीजल पंप चला कर पटवन कर रहे हैं. किसानों की माने, तो नवंबर के अंतिम सप्ताह तक नहरों को पानी मिलना होता है. पानी नहीं होने के कारण गेहूं, सरसों, अरहर, आलू अन्य फसलों की खेती पिछड़ रही है. वहीं, 11 चौबे नहर से निकलने वाली महरों- पजरांव छोटी नहर की सफाई पिछले बीस वर्ष से नहीं हुई है. इस नहर के आसपास काफी झाडि़यां उग गयी हैं. वहीं, ज्यादा पानी आने से नहर जगह-जगह से टूट जाती है. पिछले सप्ताह जब नहर की सफाई व खुदाई शुरू हुआ, तो किसानों को लगा कि अब खेती करने के लिए अच्छे दिन आने वाले हैं, लेकिन, महरो को हेड( महरों गांव ) से सफाई नहीं करा कर गर्रा व गौरी गांव से शुरू हुआ. इसपर किसानों ने आपत्ति भी जतायी. तब कर्मियों ने बताया कि खुदाई का कार्य सिंचाई विभाग का नहीं है, बल्कि किसी पार्टी के निजी फंड से कराया जा रहा है. कुछ दूरी तक की सफाई के बाद काम बंद कर दिया गया. क्या कहते हैं किसान किसान ललन पांडेय, हसनाथ सिद्दीकी, बदरुद्दीन अंसारी व लियाकत अंसारी ने बताया कि चुनाव के वक्त नेताओं के वादों की लिस्ट होती है. लेकिन, किसानों के इस ज्वलंत मुद्दों के प्रति कोई भी पहल करने को तैयार नहीं है. फोटो………….1. महरो- पजरांव की सुखी नहर………………………………
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नहरों में पानी नहीं,रबी फसल पर खतरा
नुआंव. नहरों में पानी नहीं आने से रबी फसल को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गयी है. पानी नहीं रहने से किसान 130 रुपये प्रति घंटे डीजल पंप चला कर पटवन कर रहे हैं. किसानों की माने, तो नवंबर के अंतिम सप्ताह तक नहरों को पानी मिलना होता है. पानी नहीं होने के कारण गेहूं, […]
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