भभुआ कार्यालय: ऐसा नहीं है कि एएनएम स्कूल की छात्राओं का गुस्सा अचानक फूट पड़ा. स्कूल प्रबंधन को संभाल रहे प्रिंसिपल, शिक्षिका व खाना खिलानेवाले ठेकेदार के खिलाफ छात्राओं में पहले से गुस्सा था. इसको लेकर पहले भी दो बार सिविल सर्जन सहित अस्पताल के अन्य पदाधिकारियों से छात्राओं द्वारा शिकायत की गयी थी.
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मेन गेट जाम करने से रोकने के लिए गार्ड ने की तालाबंदी, तो छात्राओं ने किया पथराव
भभुआ कार्यालय: ऐसा नहीं है कि एएनएम स्कूल की छात्राओं का गुस्सा अचानक फूट पड़ा. स्कूल प्रबंधन को संभाल रहे प्रिंसिपल, शिक्षिका व खाना खिलानेवाले ठेकेदार के खिलाफ छात्राओं में पहले से गुस्सा था. इसको लेकर पहले भी दो बार सिविल सर्जन सहित अस्पताल के अन्य पदाधिकारियों से छात्राओं द्वारा शिकायत की गयी थी. पूर्व […]
पूर्व में भी छात्राओं ने घटिया खाना देने, गंदा पानी देने, प्रिंसिपल राजेश गौर, शिक्षिका अनामिका सिंह के खिलाफ प्रताड़ित करने, अलग-अलग छात्राओं के लिए अलग- अलग नियम लागू करने, शिकायत करने पर नंबर कम देने की धमकी दिये जाने की शिकायत की थी.
उक्त शिकायत पर सिविल सर्जन द्वारा मामले की जांच कर कार्रवाई करने का भरोसा दिया गया था. लेकिन, कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने पर छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा और गुरुवार को वे कानून को हाथ में लेते हुए अस्पताल के मेन गेट को जाम कर दिया और दो घंटे तक जाम कर अस्पताल में सभी के प्रवेश पर रोक लगा दी.
एएनएम स्कूल की कुछ छात्राओं द्वारा जब सदर अस्पताल के मेन गेट को जाम किया जा रहा था, तो एएनएम स्कूल में मौजूद अन्य छात्राएं भी गेट को जाम करने के लिए स्कूल कैंपस से बाहर निकलने लगीं.
अस्पताल की स्थिति बिगड़ने एवं छात्राओं को रोकने के लिए गार्डों ने एएनएम स्कूल के मेन गेट पर ताला लगा दिया. इसके बाद अंदर में मौजूद आक्रोशित छात्राओं ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद स्थिति को और बिगड़ते देख एएनएम स्कूल का ताला खोलना पड़ा. ताला खुलते के साथ सभी छात्राएं अस्पताल के मेन गेट पर पहुंच गयीं और पूरी तरह से मेन गेट को जाम कर दिया.
गेट को खाली करने के लिए छात्राओं को दो घंटे तक मनाते रहे अधिकारी : गुरुवार को सदर अस्पताल के मेन गेट को छात्राओं के कब्जे से मुक्त कराने के लिए दो घंटे तक अस्पताल के छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक छात्राओं को मनाते रहे. लेकिन, छात्राएं डीएम को बुलाने की मांग पर अड़ी रही. सबसे पहले अस्पताल प्रबंधक अजय कुमार व डीएस विनोद कुमार छात्राओं को समझाने की कोशिश की. लेकिन, उन्हें भी छात्राओं के आक्रोश का सामना करना पड़ा.
इसके बाद डीपीएम के आग्रह को भी ठुकरा दिया. जब सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार तिवारी पहुंचे, तो उन्हें देख कर छात्राओं ने नारेबाजी और तेज कर दी. सिविल सर्जन द्वारा भी उन्हें समझाने का प्रयास किया गया, तो उनकी भी बात सुनने को तैयार नहीं थी. छात्राओं का कहना था कि पहले भी डीएस और सीएस से शिकायत की गयी है. लेकिन, कार्रवाई के नाम पर उनलोगों द्वारा आश्वासन दिया जाता है.
दो-दो बार मेन गेट को किया जाम :
छात्राओं को एक बार मना कर सिविल सर्जन, डीएस व अन्य पदाधिकारियों द्वारा अस्पताल के अंदर एएनएम स्कूल तक लाया गया. इसी बीच एएनएम स्कूल के गेट पर ताला लगाये जाने से भड़की छात्राएं एक बार फिर आक्रोशित होकर मेन गेट को जाम कर दिया. जब छात्राएं मानने को तैयार नहीं हुईं, तो डीएम को सूचना देकर पुलिस बल व मजिस्ट्रेट को सदर अस्पताल में बुलाया गया. वहीं इस दौरान वहां छात्राओं द्वारा घंटों हंगामा किया गया.
जांच में घटिया किस्म का मिला खाना
छात्राओं व शिक्षकों की बात सुनने के बाद सिविल सर्जन अरुण कुमार तिवारी, एसडीएम जनमेजय शुक्ला, एसडीपीओ अजय प्रसाद, डीएस डॉ विनोद कुमार एएनएम स्कूल में गये और बनाये गये खाना व पानी का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने देखा कि छात्राओं के लिए जो खाना बना है वह खाना घटिया किस्म का है.
खास बात यह कि प्रिंसिपल द्वारा खाने की गुणवत्ता को अच्छा बताया था. उन्होंने कहा था कि वे तीनों टाइम हॉस्टल में ही खाते हैं. लेकिन, जांच के क्रम में यह देखा गया कि हॉस्टल में प्रिंसिपल को वह खाना नहीं दिया जाता है जो खाना छात्राओं के लिए बना हुआ है. बल्कि उनके लिए अच्छा खाना अलग बना हुआ था. उसी तरह से पानी भी छात्राओं को जो दिया जा रहा था वह साफ नहीं था. आरओ बंद पड़ा हुआ था.
शिक्षक, छात्रा समेत सभी पर होगी कार्रवाई
मामले की पड़ताल के लिए पहुंचे एसडीएम व सिविल सर्जन ने बताया कि तत्काल शिक्षिका अनामिका सिंह व खाना बनाने के ठेकेदार आलोक सिंह को हटाया जा रहा है. वहीं प्रिंसिपल के खिलाफ विभाग को पत्र लिखा जा रहा है. अन्य दो शिक्षकों से भी छात्राओं को उकसाने के मामले में कार्रवाई के विरुद्ध स्पष्टीकरण की मांग की गयी है.
साथ ही उन छात्राओं को चिह्नित किया जा रहा है, जिन्हें अनुशासन को तोड़ा है. उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है. जहां तक घटिया खाना एवं पानी का शिकायत है उसे लेकर खाना बनवाने की जवाबदेही छात्राओं को ही सौंप दी गयी है. खाना बनानेवाली कूक प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा. उसी तरह से साफ पानी के लिए आरओ ठीक कराने का काम किया जा रहा है.
अश्लील वीडियो वायरल करने का लगाया आरोप
छात्राओं ने एसडीएम व अन्य लोगों के समक्ष शिकायत करने के दौरान कहा कि हमलोगों का अश्लील फोटो व वीडियो बना कर वायरल किया जाता है. यहीं नहीं छात्राओं से इन छात्राओं की खुफियागिरी करायी जाती है.
कुछ छात्राओं को डरा-धमका कर उनसे अन्य छात्राओं की खुफियागिरी करायी जाती है और उसके बाद अन्य छात्राओं को प्रताड़ित किया जाता है. विरोध करने पर परीक्षा में नंबर काटने की धमकी दी जाती है. छात्राएं प्रिंसिपल, शिक्षिका अनामिका सिंह, संवेदक आलोक सिंह को हटाने की मांग कर रहे थे.
छात्राओं ने लगाये गंभीर आरोप
जब छात्राओं को मना कर उनकी शिकायत सुनने व कार्रवाई करने का भरोसा देकर सिविल सर्जन के सभाकक्ष में लाया गया, तो एसडीएम जनमेजय शुक्ला, सिविल सर्जन, डीएस के सामने छात्राओं ने विस्तार से अपनी समस्या बताते हुए कहा कि उन्हें स्कूल में प्रिंसिपल व शिक्षिका अनामिका सिंह द्वारा काफी प्रताड़ित किया जाता है. कुछ छात्राओं को बगैर अभिभावक के ही घर भेज दिया जाता है.
एएनएम स्कूल की शिक्षिका अनामिका सिंह के पति छात्राओं को खाना खिलाने का ठेका लिये हुए हैं. प्रिंसिपल राजेश गौर, ठेकेदार आलोक सिंह, शिक्षिका अनामिका सिंह सांठ गांठ कर छात्राओं को घटिया खाना देने, प्रताड़ित करने व साफ पानी भी उपलब्ध नहीं कराते हैं.
छात्राओं ने लगाये गंभीर आरोप
जब छात्राओं को मना कर उनकी शिकायत सुनने व कार्रवाई करने का भरोसा देकर सिविल सर्जन के सभाकक्ष में लाया गया, तो एसडीएम जनमेजय शुक्ला, सिविल सर्जन, डीएस के सामने छात्राओं ने विस्तार से अपनी समस्या बताते हुए कहा कि उन्हें स्कूल में प्रिंसिपल व शिक्षिका अनामिका सिंह द्वारा काफी प्रताड़ित किया जाता है.
कुछ छात्राओं को बगैर अभिभावक के ही घर भेज दिया जाता है. एएनएम स्कूल की शिक्षिका अनामिका सिंह के पति छात्राओं को खाना खिलाने का ठेका लिये हुए हैं. प्रिंसिपल राजेश गौर, ठेकेदार आलोक सिंह, शिक्षिका अनामिका सिंह सांठ गांठ कर छात्राओं को घटिया खाना देने, प्रताड़ित करने व साफ पानी भी उपलब्ध नहीं कराते हैं.
दो घंटे तक ओपीडी बंद रहने से परेशान रहे मरीज
दो घंटे तक लगातार छात्राओं द्वारा मेन गेट जाम किये जाने से डॉक्टर मरीज न अस्पताल के अंदर प्रवेश कर पाये और न ही निकल पाये. इसके कारण निर्धारित समय आठ बजे के दो घंटे बाद 10 बजे ओपीडी खुल पाया और चिकित्सक मरीजों का इलाज शुरू कर सके. छात्राओं के हंगामे के कारण गुरुवार को मरीजों व डॉक्टरों को भी फजीहत झेलनी पड़ी.
आरोपित शिक्षिका ने कहा अनुशासनहीनता रोकने पर की जा रही शिकायत
आरोपित शिक्षिका अनामिका सिंह से जब सिविल सर्जन व एसडीएम द्वारा पूछताछ की, तो शिक्षिका ने कहा कि छात्राएं अक्सर एएनएम स्कूल में आपस में लड़ाई-झगड़ा करने सहित कई तरह की अनुशासनहीनता करती रहती हैं. इसको लेकर मैं जब उन्हें रोकती हूं या उन पर कार्रवाई करने की बात कहती हूं कि वह आक्रोशित हो जाती हैं. छात्राएं चाहती हैं कि उन्हें कभी घर जाने से कोई न रोके. उन्हें क्लास करने या डयूटी जाने के लिए नहीं कहा जाये.
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