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एक माह पहले छेड़खानी का वीडियो वायरल होने के बाद भी मुख्य आरोपित की नहीं हुई गिरफ्तारी

पीड़िता की शिकायत के बावजूद नहीं कराया गया मेडिकल व 164 का बयान पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए घटना के 20 दिनों बाद भी रिपोर्ट के लिए नहीं की अपील राजद नेता जगदानंद सिंह ने कहा- कैमूर में अपराधियों के अंदर पुलिस का नहीं है डर भभुआ कार्यालय : बीते 27 मई को भगवानपुर थाना […]

पीड़िता की शिकायत के बावजूद नहीं कराया गया मेडिकल व 164 का बयान

पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए घटना के 20 दिनों बाद भी रिपोर्ट के लिए नहीं की अपील
राजद नेता जगदानंद सिंह ने कहा- कैमूर में अपराधियों के अंदर पुलिस का नहीं है डर
भभुआ कार्यालय : बीते 27 मई को भगवानपुर थाना क्षेत्र में एक शादीशुदा महिला के साथ सामूहिक छेड़खानी का वीडियो वायरल होने के मामले में सामूहिक दुष्कर्म की बात सामने आने के बाद पुलिस की सारी कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गयी है. पीड़िता ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत किये जाने के बावजूद पुलिस ने जान बूझ कर आरोपियों को बचाने के लिए छेड़खानी का मामला दर्ज किया. लगभग एक माह बीत जाने के बावजूद मुख्य आरोपित को अब तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी. हालांकि, पुलिस के आलाधिकारियों के मुताबिक केस के सुपरविजन के दौरान जब पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया, तो पुलिस ने उक्त केस को छेड़खानी के बजाय सामूहिक दुष्कर्म में सत्य किया है.
दरअसल, उक्त महिला के साथ सामूहिक छेड़खानी का वीडियो वायरल होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर जब पीड़ित महिला मीडिया के सामने आकर पुलिस पर आरोपियों के साथ मिले होने का आरोप लगाते हुए उन्हें बचाने एवं दुष्कर्म के मामले को छेड़खानी में दर्ज करने का आरोप लगाती है और यह मामला जब मीडिया की सुखिर्या बनता है तो कैमूर पुलिस हरकत में आती है और लगभग एक महीने से सोयी कैमूर पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुट जाती है.
लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि पीड़िता द्वारा पुलिस के समक्ष दिये गये बयान में यह बताया गया कि उसके साथ छेड़खानी नहीं बल्कि सामूहिक दुष्कर्म हुआ है तो पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल जांच क्यों नहीं कराया. यहीं नहीं पीड़िता का 164 का बयान भी न्यायालय में दर्ज नहीं कराया गया है. जब वरीय अधिकारियों के सामने सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया, फिर भी पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए वारंट क्यों नहीं लिया गया. यहीं नहीं आरोपी इतने संगीन मामले में फरार चल रहे थे तो घटना के एक महीने बीत जाने के बावजूद वारंट से लेकर इश्तेहार एवं कुर्की की कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. उक्त मामले में सिर्फ एक आरोपी की ही गिरफ्तारी हो सकी है. जबकि, मुख्य आरोपी आज भी पुलिस पकड़ से बाहर है. ये सारे सवाल पुलिस के द्वारा किये गये कार्रवाई पर सीधे सीधे सवाल खड़े कर दिये. यहीं नहीं उक्त मामले में थानास्तर पर आखिर क्यों लापरवाही बरती गयी.
इसे लेकर भी अभी तक किसी पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई तो दूर स्पष्टीकरण तक नहीं पूछा गया है. जब उक्त मामला मीडिया की सुर्खियां बनी तो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित किया गया है. उक्त मामले में राजद के कद्दावर नेता जगदानंद सिंह ने मंगलवार को कहा कि भगवानपुर में छेड़खानी के वायरल हुए वीडियो मामले में पुलिस द्वारा एक महीने तक कार्रवाई नहीं किया चिंता का विषय है. जिले में पुलिस प्रशासन इतना कमजोर हो गया है कि अपराधी लगातार लड़कियों एवं महिलाओं के साथ सामूहिक छेड़खानी करते हैं और निर्भिक होकर उसका वीडियो बनाकर वायरल कर देते हैं और पुलिस एक माह बाद भी मुख्य आरोपी को पकड़ नहीं पाती है. जिससे इसकी आशंका प्रबल हो जाती है कि अपराधियों को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है. यहां लड़कियां व महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.
बोले एसपी
उक्त मामले में एसपी मोहम्मद फरोगुद्दीन से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि थाना स्तर पर लापरवाही को लेकर संबंधित पुलिस पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. स्पष्टीकरण का जवाब आने पर मामले में जो लोग भी दोषी होंगे उनके ऊपर कार्रवाई की जायेगी.

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