भभुआ शहर : शहर के कई वार्डों में गंदगी व जलजमाव से शहरवासियों को जीना मुहाल हो गया है. गली-मुहल्लों में गंदगी व जलजमाव से मच्छरों का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. शहर में कूड़े कचरे के उठाव व जलजमाव की निकासी की व्यवस्था की जिम्मा नगर पर्षद को है. शहर में लोगों […]
भभुआ शहर : शहर के कई वार्डों में गंदगी व जलजमाव से शहरवासियों को जीना मुहाल हो गया है. गली-मुहल्लों में गंदगी व जलजमाव से मच्छरों का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. शहर में कूड़े कचरे के उठाव व जलजमाव की निकासी की व्यवस्था की जिम्मा नगर पर्षद को है. शहर में लोगों द्वारा नप को सुविधाओं के टैक्स दिया जाता है,
फिर भी लोगों के सुविधाओं पर नगर पर्षद द्वारा ख्याल नहीं रखा जा रहा है. शहर के गली-मुहल्लों से प्रतिदिन कूड़े का उठाव नहीं होने से उसके दुर्गंध से लोग बेहाल है. नगर पर्षद द्वारा साफ-सफाई के लिए योजना भी तैयार किया गया है.
लेकिन, उन योजनाओं पर कार्य नहीं कराया जा रहा है. प्रतिदिन शहर के गली-मुहल्लों से कूड़े कचरे का उठाव नहीं होने की वजह से शहर के कई प्रमुख चौक चौराहों पर गंदगी पसरी है. इसके साथ ही कई वार्डों जलजमाव से मुहल्ले में रहनेवाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. वार्ड नंबर सात, नौ, 11 व 12 आदि कई वार्डों में वर्षों से जलजमाव बना हुआ है,
जो तालाब का रूप धारण कर लिया है. इन तालाबों में कूड़े-कचरा फेंके जाने से निकलनेवाली दुर्गंध से आने-जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. लोगों का कहना है कि इस प्रकार गंदे जलजमाव का निकासी का नगर पर्षद द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की जाती है.
जलजमाव से बीमारी फैलने की आशंका : शहर के कई गली-मुहल्लों में फैले कूड़े कचरे का उठाव नहीं हो पा रहा है, जिससे गंदगी से निकलने वाली दुर्गंध से आसपास के लोग को काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है. सब्जी मंडी में सब्जी विक्रेताओं द्वारा खराब व सड़ी गली सब्जियों को सड़क पर ही फेंक दिया जाता है.
मुहल्लेवासियों का कहना है कि कूड़े कचरे का प्रतिदिन उठाव नहीं होने से बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. मुहल्ले में जलजमाव से निकलनेवाली दुर्गंध से लोगों में डायरिया, हैजा, पेचिस आदि कई बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है.
चौक-चौराहों व गली-मुहल्लों में नहीं हो रहा कूड़े-कचरे का उठाव
नहीं होता दवा का छिड़काव
शहर के कई गली-मुहल्लों से कूड़े कचरे का प्रतिदिन उठाव नहीं किया जा रहा है. इससे शहरवासी परेशान हैं. कूड़े कचरे का उठाव नहीं होने के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है. मच्छरों के बढ़ते प्रकोप का आलम है कि मच्छरों के काटने से शहर कई लोग मलेरिया बुखार के शिकार हो जा रहे हैं. उन्हें सदर अस्पताल व निजी क्लिनिकों में इलाज कराना पड़ रहा है. बावजूद, नगर पर्षद कुंभकर्णी नींद में सोयी है. मच्छरों को नष्ट करने को लेकर खरीद की गयी फॉगिंग मशीन कई माह से खराब पड़ा हुआ है. खुले के नीचे मशीन शोभा की वस्तु बनी हुई है. मच्छरों के आंतक से लोगों को राहत दिलाने की दिशा में फॉगिंग मशीन अक्षम साबित हो रही है. शहरवासियों ने बताया कि मुहल्लें में कूड़ा कचरा फैला हुआ है. लेकिन, नप द्वारा मच्छरों से बचाव के लिए दवा, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी नहीं कराया जा रहा है. जलजमाव से भी डेंगू का प्रकोप बढ़ने का संभावना बनी रहती है. मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से राहत दिलाने के लिए शहर में एक अभियान के तहत फॉगिंग मशीन से दवा का छिड़काव कराने व सफाई कार्य कराने की मांग नप व प्रशासन से की गयी है.