कुव्यवस्था. शहर के वार्ड 11 में पहले नाला खुदवाया, अब भरवाया जा रहा
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कीचड़ व फिसलन से बच्चों ने छोड़ा स्कूल जाना, हादसे की आशंका
कुव्यवस्था. शहर के वार्ड 11 में पहले नाला खुदवाया, अब भरवाया जा रहा भभुआ सदर : नगर पर्षद अध्यक्ष और भूतपूर्व नप अध्यक्ष का वार्ड होने का गुमान भरनेवाले वार्ड संख्या 11 की 3500 आबादी अब भी नगर पर्षद की कारगुजारियों के चलते अभिशप्त जीवन जीने को मजबूर हैं. स्थिति यहां तक आ पहुंची है […]
भभुआ सदर : नगर पर्षद अध्यक्ष और भूतपूर्व नप अध्यक्ष का वार्ड होने का गुमान भरनेवाले वार्ड संख्या 11 की 3500 आबादी अब भी नगर पर्षद की कारगुजारियों के चलते अभिशप्त जीवन जीने को मजबूर हैं. स्थिति यहां तक आ पहुंची है कि जलजमाव, कीचड़ व फिसलन के चलते बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है, तो महिलाएं भी इस भयावह स्थिति में गिरने के भय से घर से निकलने में संकोच कर रही हैं. वार्ड के लोगों का दर्द है कि पिछले कुछ समय से नगर पर्षद अध्यक्ष का वार्ड होने के बावजूद जलजमाव और रास्ते की समस्या से जूझना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि नप द्वारा पिछले कुछ वर्षों में सड़क और
नाले के लिए 40 लाख रुपये खर्च किये गये हैं. लेकिन, वह 40 लाख रुपये सड़क व नाले निर्माण में अनियमितता की भेट चढ़ गयी. अब जब एक माह पहले नगर पर्षद के नये अध्यक्ष जैनेंद्र आर्य ने कमान संभाला तो बगैर कायदे कानून को समझे अपने वार्ड के लोगों को समस्या से निजात दिलाने के लिए प्राइवेट जेसीबी मंगवा पहले नाला की खुदाई कर दी. बाद में जब उक्त नाला निर्माण में अनियमितता को लेकर जांच की बात पता चली, तो उसे खुदा हुआ ही छोड़ दिया.
अभी तक उस नाले के निर्माण को लेकर नगर पर्षद में कोई योजना पास नहीं हुई है.
बोर्ड की बैठक में उक्त नाले को बनवाने का सिर्फ निर्णय लिया गया है. लेकिन, चौकानेवाली बात यह है कि एक बार फिर उस खोदवाये गये नाले को भरवाया जा रहा है. जब इस बाबत नप के अध्यक्ष जैनेंद्र कुमार आर्य से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नाले में ह्रयूम पाइप लगाने के लिए पहले नाले को भरवाना जरूरी था. तभी ह्रयूम पाइप लगा नाले का निर्माण कराया जा सकता है. इसीलिए उसे भरवाया जा रहा है. जल्द ही नाले का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. अध्यक्ष के इस जवाब के बाद सवाल यह है कि किन परिस्थितियों में बगैर सोचे समझे नियम कानून को ताक पर रख कर नाले की खुदाई करा दी गयी और अब उसे भरवाया जा रहा है.
नाले को तोड़ने व बनाने में लोग परेशान : वार्ड संख्या 11 में दो साल पहले 29 लाख की राशि से अग्रवाल पेट्रोल पंप से वार्ड तक मुख्य नाला व 21 लाख की राशि से पीसीसी सड़क का निर्माण कराया गया था. लेकिन, बरती गयी अनियमितता के चलते वार्ड के बीच बना नाला ध्वस्त हो गया. नाले के ध्वस्त होने के चलते सड़क भी पूरी तरह से बैठ गयी. इस सड़क व नाले के निर्माण में बरती गयी अनियमितता पर डीएम द्वारा एक जांच टीम गठित की गयी थी, जिनके रिपोर्ट का अब भी लोगों को इंतजार है. इधर, जांच का रिपोर्ट आने की प्रतिक्षा किये बगैर नप द्वारा पुन: नाले का निर्माण कराया जाने लगा. लेकिन, बरसात की वजह से नाला निर्माण के राह में काफी कठिनाइयां आ रही हैं. उधर, वार्ड की लगभग दो हजार आबादी नप द्वारा नाला को तोड़ने व बनाने के फेर में काफी परेशान हैं.
नगर पर्षद अध्यक्ष के वार्ड में रहनेवाली दो हजार आबादी को घर से निकलना हुआ मुश्किल
शहर में रहने का नहीं होता आभास
वार्ड में आने-जाने की स्थिति नहीं होने और घर में घुसे नाले व बरसात की पानी से हर तबका परेशान हैं. वार्ड में जलजमाव की स्थिति ऐसी हो गयी है कि लोगों के घर तक में कई महीनों से पानी घुसा हुआ है. कई गरीब लोगों को तो चौकी पर या फिर ऊंचे स्थान पर खाना बनाना सहित अन्य काम करना पड़ रहा है. मुहल्ले की माला देवी, प्रदुम्न तिवारी का कहना था कि मुहल्ले में आने जाने के लिए फिलहाल सड़क है ही नहीं. अगर, कहीं जाना-आना हो तो कीचड़ और फिसलन वाले रास्ते से होकर आना-जाना पड़ता है. विंध्याचल सिंह, राजकुमार साह का कहना था कि लगता ही नहीं कि हमलोग शहर में रहते हैं. दिन तो जैसे-तैसे कट जाता है. लेकिन, शाम ढलने के बाद घर से निकलना भी मुश्किल है. यहां तक की अगर कोई बीमार पड़ जाये तो उसके इलाज को अस्पताल ले जाना तो दूर डॉक्टर को घर खुद लाना पड़ता है. वार्ड की निरूपमा पांडेय कहती हैं कि मुहल्ले में रहना नरक के सामान हो गया है. घर में पानी घुसा हुआ है और नप हमलोगों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है. अग्रवाल पेट्रोलपंप के सामने गली में रहनेवाले दिनेश सिंह कहते हैं कि पिछले पांच वर्षों से हमलोग गली नाली की समस्या से जूझ रहे हैं. लेकिन, नप द्वारा अनियमितता व भ्रष्टाचार पर लगाम लगाये बिना हर वर्ष मुहल्ले में नाला व सड़क का ही निर्माण कराती रहती है.
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