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पेयजल व रोशनी की सुविधा नहीं, यात्री शेड पर भी कब्जा
कुव्यवस्था. अखलासपुर बस स्टैंड के नहीं आये अच्छे दिन यात्री शेड में खुली दुकानों से यात्रियों की बढ़ी है परेशानी भभुआ सदर : शहर का सबसे प्रमुख व व्यस्त स्टैंडों में से एक अखलासपुर बस स्टैंड आज अतिक्रमण व बदहाली के दौर से गुजर रहा है. इस बस स्टैंड में आने-जानेवाले यात्रियों की सुविधा के […]
कुव्यवस्था. अखलासपुर बस स्टैंड के नहीं आये अच्छे दिन
यात्री शेड में खुली दुकानों से यात्रियों की बढ़ी है परेशानी
भभुआ सदर : शहर का सबसे प्रमुख व व्यस्त स्टैंडों में से एक अखलासपुर बस स्टैंड आज अतिक्रमण व बदहाली के दौर से गुजर रहा है. इस बस स्टैंड में आने-जानेवाले यात्रियों की सुविधा के लिए कोई इंतजाम नहीं है.
ऊपर से यात्रियों को बैठने व इंतजार करने के लिए बने यात्री शेड में अवैध रूप से दुकानें चलायी जा रही हैं. इससे स्टैंड में बस व छोटे वाहन पकड़ने आनेवाले यात्री बारिश में ही वाहनों का इंतजार करने को मजबूर हो रहे हैं. कहने को तो अखलासपुर बस स्टैंड जिला पर्षद व नगर पर्षद की मिल्कियत मानी जाती है. लेकिन, इस स्टैंड में साधारण व्यवस्था भी यात्रियों के लिए उपलब्ध नहीं हैं. बस स्टैंड में न तो भरपूर लाइट की व्यवस्था है और न ही वाहन नहीं मिलने पर यात्रियों के रात बिताने की सुविधा. स्टैंड में हर तरफ कुव्यवस्था का आलम है.
ऊपर से इस बरसात में जगह-जगह हुए जलजमाव से यात्री के अलावे वाहनों के स्टॉफ भी कुव्यवस्था के शिकार हो रहे हैं. जबकि, बिहार सरकार ने दो साल पहले ही जिले के शहरी क्षेत्र में स्थित बस स्टैंडों को मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह से लैस करने का निर्देश जिला पदाधिकारी व नगर पर्षद के इओ को पत्र भेज कर दिया था. सरकार के इस आदेश के पहले भी तत्कालीन डीएम प्रभाकर झा ने अधिकारियों के साथ अखलासपुर बस स्टैंड का मुआयना कर वहां अवैध दुकानों को हटवाने का निर्देश देते हुए स्टैंड में पेयजल, शौचालय सहित हाइमास्ट लाइट लगाने का निर्देश नगर पर्षद को दिया था, लेकिन सरकार के आदेश व निर्देश के बावजूद स्टैंड में न तो अतिक्रमण हटा और न ही इसकी बदहाली के दिन ही गये.
नहीं सुधरी अखलासपुर स्टैंड की स्थिति
गौरतलब है कि भभुआ व मोहनिया स्थित बस स्टैंडों में मूलभूत सुविधाओं से लैस करने का निर्देश राज्य सरकार ने दो साल पहले दिया था. 31 दिसंबर 2015 तक यात्रियों को स्टैंडों में सुविधाएं देना भी सुनिश्चित किया गया था. सरकार के निर्देश के अनुसार, अखलासपुर बस स्टैंड, पूरब पोखरा बस स्टैंड और मोहनिया नगर पंचायत बस स्टैंड को विकसित किये जाने की योजना थी. इसके तहत पेयजल योजना के तहत ट्यूबवेल, पानी टंकी, प्रकाश व्यवस्था के अंतर्गत हाइमास्ट सहित एलइडी लाइट आदि लगाये जाने थे. लेकिन, अखलासपुर बस स्टैंड में भूलभूत सुविधा देना तो दूर अब तक इस स्टैंड में अवैध कब्जा और अतिक्रमण को ही नहीं हटाया जा सका है. इस स्टैंड में न तो पेयजल की सुविधा है और न ही बेहतर रोशनी की. सुरक्षा भी भगवान ही भरोसे है.
शुल्क पूरा, सुविधा कुछ भी नहीं
अखलासपुर स्टैंड में जिला पर्षद व नगर पर्षद द्वारा सवारी वाहनों को सुविधा उपलब्ध कराने के नाम टैक्स लिया जाता है. लेकिन, स्टैंड में देखा जाये तो प्रतिदिन टैक्स देनेवाले वाहन चालक अपने व्यवस्था के भरोसे यात्रियों को ढो रहे हैं. स्टैंड में जिला पर्षद द्वारा ऑटो के लिए जगह दी गयी है.
लेकिन, आज तक उक्त स्थान पर न तो शेड का निर्माण कराया जा सका और न ही उन ऑटो चालकों के लिए कोई व्यवस्था ही की गयी. ऑटो संघ के प्रतिनिधि नागा सिंह, चालक गुड्डू का कहना था कि धूप हो या बरसात खुले में ही हमलोग यात्रियों को शहर तक ढोने का काम करते हैं. पानी के लिए भी होटलों के आसरे रहना पड़ता है. उनका कहना था कि शहर में स्टैंड की व्यवस्था सहित अखलासपुर बस पड़ाव में सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर कई बार अधिकारियों से गुहार लगायी गयी. यहां तक कि सड़क जाम किया गया. लेकिन, अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई.
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