भभुआ नगर : सरकारी योजनाओं में लूट खसोट और निर्माण कार्य में गड़बड़ी के मामले आये दिन प्रकाश में आते रहते हैं. वरीय पदाधिकारियों को जब इसकी शिकायत मिलती है तो जांच भी करायी जाती है. लेकिन, अधिकतर मामलों में दोषियों पर कार्रवाई की बानगी कम ही देखने को मिलती है.
ताजा मामला शहर के ही वार्ड नंबर छह का है, जहां 60 लाख रुपये की लागत से बनी सड़क दो माह के बाद ही पूरी तरह बदहाल हो गयी. इस मामले को प्रभात खबर ने काफी प्रमुखता से उठाया था. इस पर डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने त्वरित एक्शन लेते हुए सड़क की जांच का आदेश दिया था. जांच के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन वरीय उपसमाहर्ता केके उपाध्याय के नेतृत्व में किया गया. टीम में वरीय उपसमाहर्ता के अलावे पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता और सिंचाई विभाग के सहायक व कनीय अभियंता भी शामिल थे, जिन्हें एक हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपनी थी. जांच रिपोर्ट तो सौंपी जा चुकी है. लेकिन, कार्रवाई का मामला अभी अधर में लटका हुआ है.
फिर से बनानी पड़ेगी सड़क : 60 लाख लाख रुपये की लागत से बनायी गयी सड़क महज दो माह के अंदर ही ध्वस्त हो गयी. सड़क के दोनों किनारे ईंट सोलिंग का कार्य भी काफी घटिया होने के चलते बनने के साथ ही वह भी क्षतिग्रस्त हो गयी. सड़क की स्थिति यह है कि इसका निर्माण एक बार फिर कराना होगा. सड़क के निर्माण कार्य में बरती गयी अनियमितता को लेकर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के लिए डीएम की अध्यक्षता में पूर्व में एक बैठक बुलायी गयी थी. लेकिन, संबंधित पदाधिकारियों के बैठक में शामिल नहीं होने से यह मामला अब भी लटका हुआ है.
जांच रिपोर्ट में सच आया सामने
शहर में बने कई नाले, पीसीसी सड़क सहित अन्य योजनाओं में विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारों की मनमानी व मिलीभगत से निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं हुआ है. शहर के वार्ड छह पटेल नगर में काशी सिंह के घर से सीवों नहर तक कराये गये सड़क निर्माण में काफी अनियमितता बरती गयी है. सड़क निर्माण की लागत 60 लाख रुपये थी. लेकिन, ठेकेदार द्वारा काफी अनियमितता बरतते हुए घटिया सड़क का निर्माण कराया गया. जांच कमेटी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सड़क निर्माण में मानकों की अनदेखी व रखरखाव में अनियमितता बरती गयी है.