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देवरिया नाले की बदहाली बनी चुनावी मुद्दा

जहानाबाद : इस बार नगर निकाय के चुनाव में शहर के बीच से गुजरने वाले दो नाले की बदहाली एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बना है. अलगना और देवरिया नाला की सघन उड़ाही क्यों नहीं हुई, जीर्ण-शीर्ण हालत वाले नाले का जीर्णोद्धार कराने और कई स्थानों पर नाले का पक्कीकरण कराने के लिए दस वर्षों के […]

जहानाबाद : इस बार नगर निकाय के चुनाव में शहर के बीच से गुजरने वाले दो नाले की बदहाली एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बना है. अलगना और देवरिया नाला की सघन उड़ाही क्यों नहीं हुई, जीर्ण-शीर्ण हालत वाले नाले का जीर्णोद्धार कराने और कई स्थानों पर नाले का पक्कीकरण कराने के लिए दस वर्षों के भीतर भी ठोस प्रयास क्यों नहीं किये गये,

मुहल्ले के लोगों को गंदे पानी की निकास की समस्या से क्यों नहीं उबारा गया बगैरह-बगैरह सवाल मतदाता दाग रहे हैं. वोटरों के ऐसे सवाल न सिर्फ निवर्तमान वार्ड पार्षदों से किये जा रहे हैं बल्कि उप प्रत्याशियों से भी पूछा जा रहा है जो इस चुनावी समर में वार्डों के विकास कराने के लिए मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में गोलबंद करने की अंतिम कोशिश कर रहे हैं. यहां उल्लेखनीय है कि शहर के बीच से अलगना नाला और समाहरणालय के पास से देवरिया नाला गुजरा है.

इन दोनों नाले से वार्ड 4,5,6,7,8,9,10,11,12,13,14,15,16 और 29 के गली मुहल्लों से गंदे पानी का निकास होता है. अलगना नाला का पानी विभिन्न वार्डो से होते हुए निजामुदिनपुर अलगना मोड़ के समीप दरधा नदी में जबकि देवरिया नाला का पानी सर्किट हाउस, आफिसर्स कॉलोनी के दक्षिण से होते हुए जमुने नदी में गिरता है.

पक्के निर्माण की बात तो दूर नहीं हुई उड़ाही :शहर की हजारों की आबादी उक्त दोनों नाले की बदहाली के कारण गंदे पानी के जमाव की समस्या से जूझ रही है. शहर के उक्त वार्डों के राजाबाजार, उत्तरी दौलतपुर, रामनगर-कुतवनचक, फिदाहुसैन मोड़, शेख आलमचक, शास्त्री नगर, पूर्वी उंटा, निजामुदिनपुर, रामगढ़, मलहचक, पचमहला, गरेड़ियाखंड और देवरिया मुहल्ला से गंदे पानी का निकास उक्त नालों से होता है लेकिन जाम रहने के कारण गंदे पानी का बहाव अवरुद्ध है.
पूर्व के वर्षों में मलहचक मोड़ से पूरब और पश्चिम कुछ दूरी तक अलगना पइन का पक्का निर्माण कराया गया था लेकिन उसकी समुचित उड़ाही कभी नहीं हुई. जो निर्माण कार्य हुआ उसकी गुणवत्ता भी दोषपूर्ण थी. राजाबाजार के इलाके में और मलहचक बाल्टी फैक्टरी मोड़ से पूरब तो नाले का वजूद खत्म होता जा रहा है. नाले का पक्कीकरण कराने की बात तो दूर कभी उसकी सघन उड़ाही नहीं करायी गयी. परिणाम यह है कि मुहल्लों के लोग बरसात में अपने-अपने गली में गंदे पानी से गुजरने को विवश रहते हैं.
किसी ने नहीं दिया ध्यान :इस समय चुनावी माहौल में भले ही निवर्तमान पार्षद एक बार फिर से लोक-लुभावने वायदे कर रहे हैं, लेकिन कड़वा सत्य है कि किसी ने भी शहर की इस जटिल समस्या का समाधान कराने के लिए ठोस आवाज बुलंद नहीं की. कई प्रत्याशी आज जो अपने को जनता के सच्चे हितैषी होने का दंभ भर रहे हैं उन्होंने भी जनहित से जुड़े उक्त मुद्दे को लेकर कभी भी धरना-प्रदर्शन कर सरकार या प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराना मुनासिब नहीं समझा.
अलगना और देवरिया नाला की बदहाली के कारण फैलने वाली गंदगी से जिल्लत भरी जिंदगी जी रहे लोग आज उक्त नाले के इश्यू को जोरदार ढंग से उठाया है जिसका माकूल जवाब देने में प्रत्याशीगण सक्षम नहीं है.

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