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अब तक एक वार्ड ही हुआ ओडीएफ

उपेक्षा . वर्षों से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ा है शौचालय गांव में संपूर्ण स्वच्छता अभियान नहीं पकड़ रहा है जोर जहानाबाद : जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत अमैन पंचायत एक बड़ी आबादी वाली पंचायत है. पंचायत में संपूर्ण स्वच्छता अभियान का असर कुछ खास नहीं दिख रहा है. धीमी चाल चल रहे स्वच्छता अभियान पर […]

उपेक्षा . वर्षों से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ा है शौचालय

गांव में संपूर्ण स्वच्छता अभियान नहीं पकड़ रहा है जोर
जहानाबाद : जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत अमैन पंचायत एक बड़ी आबादी वाली पंचायत है. पंचायत में संपूर्ण स्वच्छता अभियान का असर कुछ खास नहीं दिख रहा है. धीमी चाल चल रहे स्वच्छता अभियान पर लोगों ने सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है. करीब नौ हजार आबादी वाली उक्त पंचायत में आधी आबादी अभी भी शौचालय का उपयोग नहीं करती है.
17 वार्ड वाली उक्त पंचायत में अमैन, शाहपुर, केंदुआ, कोसडिहरा, फरीदपुर, त्रिकौल, आलमपुर, घोसी, फत्तेपुर, लक्ष्मीपुर, मोहनपुर, देवचंद बिगहा, पछियारी मठ सहित कई छोटे-बड़े टोले महल्ले हैं. करीब चार हजार महिला मतदाताओं की आबादी वाली पंचायत में दो पंचायत समिति क्षेत्र हैं. जागरूकता के अभाव में लोग अभी भी नदी, तालाब, आहर एवं पइन में शौच करने जाते हैं. यही कारण है कि सदर प्रखंड में अभी तक मात्र एक वार्ड को ही ओडीएफ घोषित किया गया है. अधिकारी बताते हैं कि मांदिल पंचायत के वार्ड पांच सुंदरपुर को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है. हालांकि पदाधिकारी अभियान को जोर नहीं पकड़ने के पीछे स्वच्छता अभियान में सहयोग करने वाले कुछ
कर्मचारी के हड़ताल पर जाने के कारण कार्य में परेशानी एवं बाधा होने की बात बताते हैं. ग्रामीण बताते हैं कि जागरूकता के अभाव एवं महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी नहीं होने के कारण लोगों के घरों में शौचालय नहीं बन पा रहा है. वर्षों पूर्व सरकार ने हरिजन टोला में सामुदायिक शौचालय बना लोगों को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का प्रयास किया था. लेकिन योजना सिफर निकली. अमैन गांव में करीब 15 वर्ष पूर्व दो जगहों पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था. शौचालय निर्माण के कुछ ही दिन बाद उसकी असलियत सामने आ गयी. शौचालय की स्थिति खराब होने के कारण लोगों ने उसका उपयोग करना बंद कर दिया तथा आज वह जीर्ण-शीर्ण पड़ा है.
आहर-पइन में शौच के लिए जाते हैं महिला-पुरुष
संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत आने वाले आवेदन को स्वीकृति कर आगे की कार्रवाई के लिए प्रखंड में भेज दिया जाता है. जीविका का इस योजना में महत्वपूर्ण योगदान है. जागरूकता के अभाव में अभी भी कई लोग घर से बाहर शौच जाते हैं. आधी आबादी को अभी भी शौचालय की जरूरत है.
सियामणि देवी, मुखिया, अमैन
क्या कहते हैं ग्रामीण
20 वर्ष पहले महिलाओं के लिए सामूहिक शौचालय का निर्माण कराया गया था. छह माह के बाद ही शौचालय का उपयोग होना बंद हो गया.
प्रभु दयाल
संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत बनाये जाने वाले शौचालय की जानकारी से अभी भी कई लोग अनजान हैं. जानकारी के अभाव में कई लोगों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है.
कृष्णा दास
सरकार द्वारा बनाये जाने वाले शौचालय की गति काफी धीमी है. जागरूकता के अभाव में लोग शौचालय का निर्माण नहीं करा रहे हैं. सरकारी कर्मी द्वारा ग्रामीणों को जागरूक करने की आवश्यकता है.
नारायण राम
कई घरों में शौचालय बनाया गया था, जो कारगर साबित नहीं हुआ. शौचालय से दुर्गंध निकलने के कारण उसका उपयोग नहीं हो पाता है.
नन्हक दास

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