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कनकनी ने बढ़ायी लोगों की परेशानी

परेशानी. ठंड से बढ़ी गर्म कपड़ों की मांग, नोटबंदी का है बाजार पर आंशिक असर मंगलवार की सुबह कोहरे के कारण लाइट जला कर वाहन चलाते चालक. शहर में गरम कपड़ों से सजा है व्यवसायिक प्रतिष्ठान प्रत्येक दुकान में 20 से 25 हजार का हो रहा है कारोबार जहानाबाद : जिले में कुहासे व बर्फीली […]

परेशानी. ठंड से बढ़ी गर्म कपड़ों की मांग, नोटबंदी का है बाजार पर आंशिक असर

मंगलवार की सुबह कोहरे के कारण लाइट जला कर वाहन चलाते चालक.
शहर में गरम कपड़ों से सजा है व्यवसायिक प्रतिष्ठान
प्रत्येक दुकान में 20 से 25 हजार का हो रहा है कारोबार
जहानाबाद : जिले में कुहासे व बर्फीली हवा के कारण बढ़ी ठंड से मौसमी कपड़ों का बाजार गरम होने लगा है. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में दुकान गरम कपड़ों से पटा है. बीते दिन बढ़ी ठंड की वजह से शहर के मुख्य बाजार स्थित रेडिमेट दुकानों में भिन्न-भिन्न प्रकार के गरम कपड़े सजाये गये हैं. एक तरफ ठंड की वजह से मौसम का तापमान धीरे-धीरे गिरता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ गरम कपड़ों की खरीदारों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है.
ठंड के दस्तक देते ही शहर के मुख्य रेडिमेड प्रतिष्ठानों में गरम कपड़ा की खरीदारी के लिए उपभोक्ताओं की भीड़ बढ़ गयी है. ग्राहकों के डिमांड के अनुसार दुकानदारों द्वारा एक से बढ़ कर एक आकर्षक स्वेटर, जैकेट, मफलर, टोपी व अन्य गरम कपड़े मंगवाये गये हैं. खरीदार अपनी पसंद के अनुसार ऊनी वस्त्र के खरीदारी में मशगूल हैं. एकाएक बढ़ी ठंड के कारण हर लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार कंबल, तोशक, रजाई एवं ऊनी चादर की खरीदारी करने में जुटे हैं.
ऊनी वस्त्र के अधिक बिक्री एवं खरीदारों को लुभाने के लिए दुकानदारों द्वारा 10 से 20 प्रतिशत तक खरीदारों को छूट दी जा रही है. शहर के प्रमुख रेडिमेड प्रतिष्ठान संचालक सुमन सिंघानिया का कहना है कि एक हजार रुपये के आस-पास के रेंज के ऊनी चादर, स्वेटर, जैकेट के ग्राहकों की संख्या अधिक है. उनका कहना है कि दुकान में तो कई प्रकार के कीमती गरम कपड़ा ग्राहकों के लिए लाया गया है लेकिन महंगे गरम कपड़े की संख्या सीमित मात्रा में है. अधिकतर ग्राहकों की पसंद एक हजार से 15 सौ तक ही रहती है.
सट्टी मोड़ स्थित व्यावसायिक प्रतिष्ठान मो इकबाल बताते हैं कि बढ़ी ठंड के कारण गरम कपड़ों की बिक्री तेज हो गयी है. हालांकि व्यवसाय पर नोटबंदी का असर आंशिक रूप से पड़ रहा है. नोटबंदी के कारण पैसों की कमी से ग्राहकों की संख्या में अगले वर्ष की अपेक्षा इस साल कम देखी जा रही है. इधर तोशक- रजाई बनानेवाले मो झुन्नु ने बताया कि ठंड के कारण इन दिनों रजाई की मांग बढ़ी हुई है.
तेज हुई ऊन की बिक्री :नये जमाने में अधिकतर लोगों ने रेडिमेड हाफ एवं फुल स्वेटर का इस्तेमाल शुरू कर दिया है लेकिन ठंड की वजह से इन दिनों ऊन की बिक्री भी बढ़ गयी है. घरेलू आकृति देकर महिलाएं अपने बच्चों एवं परिवार के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के हाथ से बने स्वेटर बुनने के लिए उनकी खरीदारी करती दिख रही है. बाजार में ऊन दुकान पर 400-800 के बीच कई किस्म के ऊन दुकानदारों द्वारा बिक्री के लिए लाया गया है.
इलेक्ट्रॉनिक सामान की बढ़ी डिमांड:शहर में ठंड से बचाव करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर शरीर को गरमी प्रदान करनेवाला कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक सामान लाया गया है. आमलोग अपने सुविधानुसार एसी, रूम हीटर, गिजर सहित कई प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक प्रकार की सामग्री खरीदारी कर इस्तेमाल कर रहे हैं एवं ठंड से बचाव करने में जुटे हैं.
ठंड से जनजीवन प्रभावित :काको. दिसंबर माह के शुरू में ठंड तथा कोहरे ने आम जनजीवन को प्रभावित किया है. दो तीन दिनों से सबेरे कोहरा छाये रहने से सड़कों पर काफी कम संख्या में गाड़ियां दिखाई पर रही हैं. वहीं सुबह स्कूल जानेवाले छोटे बच्चों की परेशानी बढ़ गयी है. कोहरे के कारण वाहनों को दिन में भी लाइट का सहारा लेना पड़ रहा है.
हालांकि मंगलवार को दोपहर बाद कोहरे का असर कम हुआ तथा सूर्य देव के दर्शन से वातावरण थोड़ा साफ हुआ, तब जाकर लोगों ने धूप का आनंद उठाया तथा ठंड से राहत महसूस की. हालांकि ठंड के कारण सुबह से अन्य दिनों की तरह बाजारों में रौनक काफी कम देखी गयी.
कंबल- 300-500
जैकेट- 1000-1500
स्वेटर- 800-1200
ऊनी शाल- 500-800
इनर- 250-300
मफलर- 150-300
टोपी- 150-300
रजाई- 1000-1200

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