जहानाबाद : शहर के मलहचक मुहल्ला निवासी मंटू कुमार की हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस कामयाबी रही व कांड में संलिप्त तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया, लेकिन अपहरण कर हत्या की घटना को अंजाम देने में शामिल गिरोह के सरगना संगल स्वामी सहित तीन आरोपित अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.
हालांकि उन्हें पकड़ने के लिए एसपी द्वारा गठित विशेष अनुसंधान टीम (एसआइटी) सक्रिय है. सरगना संगल स्वामी शहर के मटकोरी कुंआ के समीप का रहने वाला है. उसके पिता कंपाउंडर हैं और उसकी मां एक प्राइवेट क्लिनिक में नर्स का काम करती हैं. इसके अलावा कांड में संलिप्त दो अन्य युवकों के बारे में पुलिस को कुछ अहम जानकारियां मिली हैं, जिसके आधार पर उसे पकड़ने के लिए संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
संगल की गिरफ्तारी से खुलेगा एम कुमार की क्या थी भूमिका: 24 जून को मंटू की लाश मिलने के बाद से यह घटना लोगों में चर्चा का विषय बना था. उस वक्त मृतक के परिजन ने यहां के कोचिंग संचालक मिथिलेश कुमार उर्फ एम कुमार पर 22 जून को पैसा देने के बहाने मंटू को बुलाने का आरोप लगाया था.
जब मंटू की लाश मिली थी, तो पूरे शहर में एम कुमार के संबंध में कई तरह की चर्चाएं हुई थीं. आज भी उसकी गतिविधि संदेह के घेरे में है. लोग यह जानना चाहते हैं कि उक्त युवक की हत्या में उसकी भूमिका थी या नहीं. फिलहाल पुलिस प्रशासन भी संदिग्ध आरोपित के रूप में उसे तलाश कर रही है. पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार ने स्पष्ट बताया था कि 22 जून को एम कुमार और मंटू एक-दूसरे से मिले थे और एम कुमार के साथ मटकोरी कुंआ के पास गिरोह का सरगना संगल स्वामी से तीनों की मुलाकात हुई थी. संगल फिलहाल फरार है. उसकी गिरफ्तारी के बाद ही कोचिंग संचालक की भूमिका का राज खुलेगा.
लाश मिलते ही संगल ने साथियों को भाग जाने का दिया था सुझाव : 24 जून को मंटू का शव जहानाबाद पुलिस द्वारा धनरुआ थाने से यहां लाया गया था. जब इसकी भनक हत्यारों के गिरोह को लगी, तो संदल ने अपने सभी दोस्तों को भाग जाने का सुझाव दिया था और उसी वक्त से वह भी भूमिगत है. मंटू को किसके कहने पर मारा गया, यह संगल ही बता सकता है. मृतक की पल्सर बाइक मसौढ़ी इलाके में किसके घर में रखी गयी यह भी उसकी गिरफ्तारी से ही पता चल पायेगा.