जहानाबाद : ऐसी समस्या से शहरवासी विगत कई माह से जूझ रहे हैं. शहर से गुजरने वाली एनएच 83 पर जाम नहीं लगे, लोगों को सुगम यात्रा का लाभ मिल सके इसे लेकर प्रशासनिक स्तर से कई जगहों पर पार्किंग और नो पार्किंग के बोर्ड लगाये गये थे. इसके लिए सरकारी रुपये खर्च किये गये […]
जहानाबाद : ऐसी समस्या से शहरवासी विगत कई माह से जूझ रहे हैं. शहर से गुजरने वाली एनएच 83 पर जाम नहीं लगे, लोगों को सुगम यात्रा का लाभ मिल सके इसे लेकर प्रशासनिक स्तर से कई जगहों पर पार्किंग और नो पार्किंग के बोर्ड लगाये गये थे. इसके लिए सरकारी रुपये खर्च किये गये थे.
शुरुआती दौर में लगाये गये बोर्ड की महता का पालन भी किया गया लेकिन फिर वही पुरानी स्थिति बहाल हो गयी. कहने का मतलब है कि वर्तमान समय में नो-पार्किंग जोन की धज्जियां उड़ायी जा रही है सवारी और व्यावसायिक वाहनों के मालिक या चालक प्रशासन की कार्रवाई से बेखौफ होकर सड़कों पर यत्र-तत्र वाहन खड़ाकर अपना धंधा कर रहे हैं.
काको मोड़ बस पड़ाव. बस स्टैंड अभी निर्माणाणीन है. इस कारण जिले के पटना, गया, घोसी, एकंगरसराय, मसौढ़ी, अरवल, कुर्था आदि स्थानों के लिए पुराने सरकारी बस पड़ाव परिसर से सवारी गाड़ियों के खुलने की व्यवस्था की गयी थी. काको मोड़ से बस पड़ाव के बीच नो -पार्किंग जोन के बोर्ड लगाये गये थे जिसे कुछ लोगों ने उखाड़ दिया.
अब हालत यह है कि एनएच 110 पर काको मोड़ से टेलिफोन एक्सचेंज तक की सड़क को स्टैंड बना दिया गया है. परेशानी झेलनी पड़ रही है पैदल चलने वालो लोगों और बाइक सवारों को.
पार्किंग प्लेस पर बसी है सब्जी मंडी: काको मोड़ से दो सौ गज दक्षिण बढ़ते ही पार्किंग प्लेस बनाया गया था वहां बाजाब्ता पार्किंग के लोहे के बोर्ड टंगे हैं लेकिन वाहन खड़े नहीं किये जा सकते. कारण यह है कि पार्किंग स्थान पर सड़क मंडी बसी हुई है. एक दो नहीं बल्कि 60-70 की संख्या में एनएच 83 पर अवैध ढंग से दुकानें लगा सब्जी बेचे जा रहे हैं. वहां आलू, प्याज और साग-सब्जियों की टोकरियाँ भरी रहती है.
बहरहाल शहर की सड़क की ऐसी स्थिति बना दिये जाने से सौंदर्यीकरण की बात तो दूर, दिनोदिन जाम की समस्या में इजाफा हो रहा है. नो-पार्किंग जोन में वाहन खड़े करने पर अक्सर झगड़े हो रहे हैं. जाम में फंसे लोग जब अवैध पार्किंग की बात कहते हैं तब टेंपो, जीप चालकों से झगड़े हो जाते हैं हंगामा मचता है. बीच-बचाव के बाद मामला शांत होता है. प्रशासन के अधिकारी इस मामले में उदासीन हैं. उन्हें इससे आम लोगों को हो रही परेशानी की जरा भी चिंता नहीं हैं .