टेहटा जहानाबाद : साल का अंतिम दिन गुरुवार. पटना जंकशन के नौ नंबर प्लेटफाॅर्म पर साढ़े बारह बजे हलचल को देख पहले लोग नहीं समझ पाये. बातचीत की सुगबुगाहट से लोगों को जानकारी हुई कि बिहार सरकार के मंत्री हैं. लेकिन, लोग यह समझ नहीं पाये कि आखिर यहां क्यों आये हैं.
जब इएमयू पैंसेजर ट्रेन में मंत्री जी सामान्य यात्रियों के साथ सीट पर बैठे, तो लोगों की उत्सकुता जगने लगी कि हम भी उस डिब्बे में बैठे. नतीजा उस डिब्बे में भीड़ हो गयी. इस बीच बातचीत से लोगों को यह जानकारी हो गयी कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा अपने गांव जा रहे हैं. दोपहर एक बजे ट्रेन खुली.
ट्रेन खुलने के साथ ही मंत्री जी अन्य यात्रियों से बातचीत करने लगे. पुनपुन के गोपालजी मंत्री को देखने के साथ ही क्षेत्र की समस्या बताने लगे. कहा कि पुनपुन स्टेशन के आसपास के आधा इलाके में पाइप से पानी पहुंचाने की व्यवस्था नहीं है. पुनुपन स्टेशन आने पर मंत्री को वह क्षेत्र दिखाया गया. ट्रेन की खिड़की से मंत्री ने उस इलाके को देखा और आश्वस्त किया कि पाइप से पानी पहुंचाने की व्यवस्था होगी. पटना में प्राइवेट कंपनी में काम करनेवाले जहानाबाद के लखन की बगल में बैठ कर उन्होंने उसके घर-परिवार का हाल पूछा.
सरकारी काम नहीं…
तारेगना की लक्ष्मी देवी से उन्होंने परिवार का हाल-चाल पूछा.
पीएचइडी मंत्री गुरुवार को नया साल मनाने अपने गांव जहानाबाद जिले के सुगांव के लिए निकले थे. उनके साथ न कोई लाल बत्ती वाली गाड़ी थी और न कोई बड़ा लाव-लश्कर. सुरक्षाकर्मी उनके साथ निकले तो थे, लेकिन उन्हें भी मंत्री जी ने ट्रेन में किनारे कर दिया था. उनके पीए जरूर उनके इर्द-गिर्द रहे.
ट्रेन में फेरीवाले के पहुंचने पर वक्त काटने को मूंगफली खरीदी गयी. मूंगफली फोड़ कर फांकने का शुरू हुआ, लेकिन उसका छिलका ट्रेन में ही गिराया जा रहा था. लेकिन, साथ चले रहे लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उन पर मंत्री जी की नजर हैं. मूंगफली के छिलके बोगी में फेंक दिये जाने पर मंत्री ने इशारा किया. पहले तो वे खुद मूंगफली के छिलकों को समेटने के लिए झुके, लेकिन साथ चल रहे लोगों को एहसास होने पर छिलका समेटना शुरू किया. मंत्री ने नसीहत भी दी और कहा उन्हें स्वच्छता का ख्याल रखना चाहिए. परसा जा रहे लक्खू मंत्री जी के पास पहुंचे और रेल यात्रा की पीड़ा बयान की. लक्खू ने उन्हें बताया कि किस तरह इएमयू के डब्बों में भेड़-बकरियों की तरह ठूंस कर सफर करना पड़ता है. इएमयू में डब्बे व शौचालय की सुविधा बढ़ाने की उसने मंत्री गुहार लगायी.
मंत्री के पैंसेजर ट्रेन से आने की खबर जगंल में आग की तरह फैल गयी. फिर क्या था, हर स्टेशन पर उनके चहेते उनका अभिवादन के लिए खड़े मिले. पैंसेजर ट्रेन होने के कारण हर हाल्ट, स्टेशन पर ट्रेन रुक रही थी. तारेगना स्टेशन पहुंचने पर लोगों ने उनका स्वागत किया. उन्होंने ट्रेन के दरवाजे पर खड़े होकर अभिवादन स्वीकार किया. ट्रेन दो बज कर बीस मिनट पर जहानाबाद पहुंची. वहां बड़ी संख्या में लोगों ने मंत्री का स्वागत किया. लोगों ने उन्हें फूल-माला से लाद दिया.
जहानाबाद से तीन हाल्ट के बाद टेहटा स्टेशन आया, जहां मंत्री जी अपने गांव जाने के लिए उतरे. वहां पर लोगों ने गर्मजोशी ने स्वागत किया. ट्रेन से उतरने के बाद मंत्री जी स्टेशन के समीप बने वाटर टैंक के प्रांगण में रुके, जहां वे लोगों से मिले. वाटर टैंक का उद्घाटन मई 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. उस समय तत्कालीन पीएचइडी मंत्री दोमादर रावत थे. साढ़े तीन करोड़ की लागत से ग्रामीण जलापूर्ति योजना का काम हुआ है.