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सरकार को राजस्व की हो रही हानि
गड़बड़ी : निजी वाहनों का हो रहा धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग जहानाबाद (नगर). जिले में निजी वाहनों का धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है. इससे सरकार को भारी राजस्व की हानि हो रही है. फिर भी परिवहन विभाग मौन है और वाहन मालिक मस्त हैं. जिले में हजारों की संख्या में वाहन निबंधित […]
गड़बड़ी : निजी वाहनों का हो रहा धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग
जहानाबाद (नगर). जिले में निजी वाहनों का धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है. इससे सरकार को भारी राजस्व की हानि हो रही है. फिर भी परिवहन विभाग मौन है और वाहन मालिक मस्त हैं. जिले में हजारों की संख्या में वाहन निबंधित हैं . इसमें अधिकांश वाहनों का निबंधन निजी उपयोग के लिए कराया गया है. विशेष कर बोलेरो, स्कारर्पियो ,ट्वेरा,जीप, मार्शल आदि का निबंधन निजी उपयोग के लिए कराया गया है.
लेकिन इसका उपयोग व्यावसायिक रूप से किया जा रहा है. निजी वाहनों के निबंधन के समय वन टाइम टैक्स लिया जाता है. जो 15 वर्षो तक मान्य होता है. जबकि व्यावसायिक वाहनों को हरेक तीन माह पर टैक्स जमा करना पड़ता है. इससे सरकारी खजाने में लाखों का राजस्व प्राप्त होता है. राजस्व चोरी के उद्देश्य से ही वाहन मालिकों का निजी वाहन के रूप में निबंधन कराया जाता है तथा व्यावसायिक उपयोग किया जाता है.
सरकार को हो रही राजस्व की हानि: निजी वाहनों का व्यावसायिक उपयोग किये जाने से सरकार को लाखों की राजस्व की हानि हो रही है. बावजूद इसके परिवहन विभाग का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है .वाहन मालिक अपने निजी वाहन का धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं.
बताया जाता है कि व्यावसायिक वाहनों द्वारा प्रत्येक तीन माह पर टैक्स जमा किया जाता है. जिससे सरकार को काफी राजस्व की प्राप्ति होती है. वहीं निजी वाहन द्वारा वन टाइम टैक्स जमा किया जाता है जो 15 वर्षो तक मान्य होता है. इतने दिनों तक निजी वाहन मालिकों द्वारा वाहन का व्यावसायिक उपयोग कर सरकार को लाखों के राजस्व का चूना लगाया जाता है.
सरकारी दफ्तरों में हो रहा निजी वाहन का उपयोग : सरकारी दफ्तरों में भी निजी वाहनों का उपयोग किया जा रहा है.
सरकार द्वारा मिले दिशा -निर्देश के बावजूद विभागीय पदाधिकारी किराये पर वाहन को रख उसका परिचालन कराते हैं .ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन अधिकांशत: निजी होता है. फिर भी इन वाहनों का परिचालन सरकारी दफ्तरों में किया जाता है. विशेष कर स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर निजी वाहन का उपयोग किया जाता है. अन्य विभाग द्वारा भी आवश्यकता पड़ने पर निजी वाहनों का व्यावसायिक उपयोग किया जाता है.
निबंधित वाहनों की संख्या
ट्रक- 817
बस – 304
टैक्सी- 383
ऑटो – 2000
ट्रैक्टर- 3222
टेलर- 2800
कार- 289
जीप – 753
टू व्हीलर – 16327
क्या कहते हैं पदाधिकारी
ऐसे वाहनों की धर पकड़ की जा रही है तथा पकड़े जा रहे वाहनों से फाइन वसूला जा रहा है. आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी.
एन के वर्णवाल , जिला परिवहन पदाधिकारी,
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