जहानाबाद : औरंगाबाद जिले के चर्चित मियांपुर नरसंहार के मामले में लोजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और जिला पर्षद सदस्य गोपाल शर्मा को रिहाई मिल गयी है. हाइकोर्ट ने आरोपितों की ओर से दायर की गयी रिट याचिका को निष्पादित करते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. जस्टिस बीएन सिन्हा और एके लाल की दो सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले में नौ अभियुक्तों को बरी कर दिया.
सेनारी गांव के अविनाश शर्मा की सजा बहाल रखी गयी है. जिले के लोकप्रिय और बेहद चर्चित शख्सियतों में शुमार गोपाल शर्मा को वर्ष 2000 में हुए नरसंहार में पुलिस ने अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया था. तब उन्हें 20 दिनों के बाद अनुसंधान के आधार पर आरोपित किया गया था. केस की औरंगाबाद की निचली अदालत में सुनवाई के बाद दिसंबर 2007 में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी. तब से वे जहानाबाद उपकारा में बंद थे.
हालांकि, करीब छह साल जेल काटने के पहले वे वर्ष 2000 में ही पेरौल पर छूट कर जेल से बाहर आये. और, जिला पर्षद का चुनाव लड़ कर जीत हासिल की. गोपाल शर्मा ने साल 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा के टिकट पर जहानाबाद विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था.
इस चुनाव में वे बड़ी कम अंतर से हार कर मुख्य प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरे थे. इधर गोपाल शर्मा की रिहाई की खबर शहर में पहुंचते ही उनके परिजनों, शुभचिंतकों और लोजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई. कई लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिला कर उनकी रिहाई की बधाइयां दीं.