बस मालिकों के खेल निराले, निबंधन कराया यात्री बस का, ढो रहे स्कूली बच्चे
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बस मालिकों के खेल निराले, निबंधन कराया यात्री बस का, ढो रहे स्कूली बच्चे 322 यात्री बसों का है निबंधन नियमों की उड़ायी जा रहीं धज्जियां जहानाबाद सदर : जिले में बस मालिकों द्वारा निराला खेल खेला जा रहा है. नियमों की धज्जियां उड़ा बेपरवाह ये बस मालिक यात्री बसों के नाम पर अब स्कूली […]
322 यात्री बसों का है निबंधन
नियमों की उड़ायी जा रहीं धज्जियां
जहानाबाद सदर : जिले में बस मालिकों द्वारा निराला खेल खेला जा रहा है. नियमों की धज्जियां उड़ा बेपरवाह ये बस मालिक यात्री बसों के नाम पर अब स्कूली बच्चों को ढोने में लगे हैं. परिवहन विभाग के दफ्तर में निबंधित आंकड़ों पर अगर गौर करें तो एक भी स्कूली बसों का निबंधन दर्ज नहीं है. यात्री बसों के नाम पर ही बस मालिकों द्वारा निबंधन कराया गया है. जबकि नियम -कानून कुछ और ही है. कई ऐसे बस मालिक हैं जो मोटी रकम लेकर अपनी बस का परिचालन निजी विद्यालयों में करा रहे लेकिन यात्रियों को ढोने के बजाय स्कूली बच्चों को ढो रहे हैं. वहीं नियमानुसार निजी विद्यालय में बच्चों को ढोने के लिए बस मालिकों परिवहन कार्यालय में निबंधन कराना होता है लेकिन बस मालिक ऐसा नहीं कर पाते. जिले में विभिन्न रूटों में करीब 322 यात्री बसों का निबंधन डीटीओ ऑफिस में दर्ज हैं.
स्कूल बस का नहीं है निबंधन : परिवहन कार्यालय में स्कूलों में परिचालन करने के लिए एक भी बस का निबंधन नहीं कराया गया है जबकि जिले में दर्जन भर ऐसे निजी विद्यालय हैं जिनके पास दर्जनों निजी बसें मौजूद हैं. इनका उपयोग सिर्फ स्कूली बच्चों को ढोने में ही किया जाता है, बावजूद स्कूल संचालकों द्वारा उन बसों का भी निबंधन यात्री बस में ही करा दिया गया.
सड़क पर कम चलती हैं यात्री बसें : स्कूल संचालकों द्वारा बच्चे को ढोने के प्रयोग में लाये जाने वाले बस मालिकों को प्रति माह मोटी रकम दी जाती है इस कारण इन दिनों सड़कों पर बहुत कम ही यात्री बसों का परिचालन हो रहा. इससे यात्रियों को हर रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. रोड का परमिट भले ही विभिन्न रूटों पर इन बसों को प्राप्त हो लेकिन कई बसों का परिचालन विद्यालयों में ही हो रहा है. जहानाबाद-अरवल पथ पर 30 यात्री बस में मात्र 17, कुर्था पथ पर 20 में दो, एकंगरसराय पथ पर 45 में 22, इसलामपुर पथ में 15 में 9, हुलासगंज पथ में 11, रांची 9 तथा गुमला एवं चतरा के लिए एक-एक यात्री बस चल रही है.
टेंपोचालकों की कट रही चांदी : सड़कों पर यात्री बस का परिचालन कम पड़ने से ऑटो और छोटे वाहनों को विशेष रूप से फायदा मिल रहा है जिसका खामियाजा निरीह यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. कम दूरी तय करने के लिए भी इन्हें मोटी रकम इन ऑटोचालकों को चुकानी पड़ती है जो बस भाड़े से दोगुना तक पैसा वसूलने में लगे हैं.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
निजी विद्यालयों में परिचालन के लिए निबंधन बस मालिक नहीं करा रहे हैं. जो भी बस मालिक यात्री बस के रूप में निबंधन करा कर निजी विद्यालय में स्कूली बच्चों को ढो रहे हैं गैरकानूनी है और यह परिवहन नियम के विपरीत है. शिकायत मिलने पर जांच की जायेगी. साथ ही स्कूल संचालकों को सूचित करते हुए अपनी बसों का निबंधन स्कूली बस के रूप में कराने को कहा जायेगा. बावजूद लोग अगर ऐसा नहीं करते हैं तो पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
धीरेंद्र कुमार, डीटीओ, जहानाबाद.
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