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धान के मौसम में खाद पर संकट, दो माह से बंद है कृषि विभाग का वेबसाइट
जहानाबाद सदर : सरकार ने खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कई कारगर कदम उठाने के साथ उर्वरक विक्रेताओं को प्वाइंट ऑफ सेल मशीन से खाद बिक्री का निर्देश दिया है. उसके लिए कृषि विभाग द्वारा उर्वरक विक्रेताओं को ट्रेनिंग दी गयी तथा मुफ्त में ही प्वाइंट ऑफ सेल मशीन दी गयी. वहीं दूसरी ओर […]
जहानाबाद सदर : सरकार ने खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कई कारगर कदम उठाने के साथ उर्वरक विक्रेताओं को प्वाइंट ऑफ सेल मशीन से खाद बिक्री का निर्देश दिया है. उसके लिए कृषि विभाग द्वारा उर्वरक विक्रेताओं को ट्रेनिंग दी गयी तथा मुफ्त में ही प्वाइंट ऑफ सेल मशीन दी गयी.
वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग का वेबसाइट विगत दो माह से बंद है, जिसके कारण जिले में 90 प्रतिशत उर्वरक विक्रेताओं की दुकान का लाइसेंस रिन्युअल नहीं हो सका है. ऐसे में जिले में खाद का उठाव कैसे हो पायेगा. दुकान का लाइसेंस रिन्युअल नहीं होने से उर्वरक विक्रेताओं में बेचैनी बढ़ गयी है. रोहिणी नक्षत्र शुरू होते ही उर्वरक विक्रेताओं ने लाइसेंस का रिन्युअल कराने के लिए भाग-दौड़ तेज कर दी है लेकिन वेबसाइट बंद रहने के कारण लाइसेंस का रिन्युअल नहीं हो पा रहा है.
किसानों को होगी परेशानी : धान की खेती का समय शुरू हो गया है. ऐसे में खाद का संकट उत्पन्न होने पर फिलहाल बिचड़े पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है. इसको लेकर किसानों की भी चिंता बढ़ गयी है.
दो माह से नहीं खुली है कृषि विभाग की वेबसाइट
राज्य सरकार द्वारा किसानों के दशा सुधारने के लिए कृषि मैप बनाया गया है तथाकृषि विभाग की वेबसाइट लांच की गयी थी. किसान कृषि यंत्रों से लेकर बीज आदि के लिए ऑनलाइन आवेदन किया करते थे. उर्वरक विक्रेताओं को भी लाइसेंस लेने तथा रिन्युअल कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना है. मार्च में 182 उर्वरक विक्रेताओं ने कृषि विभाग की वेबसाइट पर लाइसेंस के रिन्युअल के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन वेबसाइट नहीं खुलने के कारण लाइसेंस का रिन्युअल नहीं हो सका है.
कहते हैं पदाधिकारी
उर्वरक विक्रेताओं द्वारा लाइसेंस के रिन्युअल कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया है लेकिन दो माह से विभाग का वेबसाइट नहीं खुला है. इसके कारण दुकानदार के दुकान का लाइसेंस का रिन्युअल नहीं हो सका है. उम्मीद है कि अगले सप्ताह वेबसाइट खुल जायेगी. ऐसे में जिन्होंने विभाग को चालान जमा कर दिये हैं वे दुकानदार खाद का उठाव व बिक्री कर सकते हैं.
शंकर कुमार झा, डीएओ
उर्वरक विक्रेताओं के लिए पिक टाइम है रोहिणी नक्षत्र
रोहिणी नक्षत्र उर्वरक विक्रेताओं के लिए पिक टाइम मानी जाती है. रोहिणी नक्षत्र चल रहा है तथा अबतक उर्वरक विक्रेताओं के दुकान का लाइसेंस रिन्युअल नहीं हो सका है. ऐसी स्थिति में उर्वरक विक्रेताओं के सामने खाद उठाव करने का धर्म संकट पैदा हो गया है. अगर उर्वरक विक्रेता समय पर खाद का उठाव नहीं कर पाते हैं तो आने वाले समय में जिले में खाद के लिए हाहाकार मच सकती है.
जिले में 205 उर्वरक विक्रेता के पास दुकान का लाइसेंस है. इसमें पांच थोक एवं 200 खुदरा विक्रेता हैं. इनमें महज 23 विक्रेताओं के ही दुकान का लाइसेंस का रिन्युअल हुआ था. बाकी 182 दुकानदारों के लाइसेंस का रिन्युअल अब तक नहीं हो सका है, जिसके कारण उर्वरक विक्रेताओं में बेचैनी बढ़ गयी है.
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