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बोरसी से घर में लगी आग जिंदा जल गया दिव्यांग

मदद में पहुंचे सीओ, दिया चेक और आगे भी सहयोग का दिलाया भरोसा एक की मौत, संपत्ति हुई स्वाहा जहानाबाद : सदर प्रखंड की मांदेबिगहा पंचायत की मुशहरी में मंगलवार की देर रात आग लग गयी. हालांकि आग की लपटें एक घर तक ही सीमित रही, लेकिन जिस घर में आग लगी. उस घर का […]

मदद में पहुंचे सीओ, दिया चेक और आगे भी सहयोग का दिलाया भरोसा

एक की मौत, संपत्ति
हुई स्वाहा
जहानाबाद : सदर प्रखंड की मांदेबिगहा पंचायत की मुशहरी में मंगलवार की देर रात आग लग गयी. हालांकि आग की लपटें एक घर तक ही सीमित रही, लेकिन जिस घर में आग लगी. उस घर का सब कुछ स्वाहा हो गया. गृहस्वामी गनौरी मांझी (62 वर्ष) अगलगी की घटना में जिंदा जल गया. साथ ही घर में रखा सारा सामान अनाज और कपड़ा भी जलकर स्वाहा हो गया. मानो इस घर की तकदीर ही रूठ गयी हो. कुछ इसी तरह का हादसा मांदेबिगहा पंचायत के अंजनी मुसहरी में हुआ. दरअसल खाना खाने के बाद गृहस्वामी शरीर से दिव्यांग गनौरी मांझी कमरे में खाट लगाकर सोया था. खाट के नीचे एक बोरसी ले रखी थी जिसमें अलाव भी जल रही थी.
गरीबों के हीटर की तपिश में कब नींद आ गयी, गरीब को पता भी नहीं चला. इसी दरम्यान कमरे के दरवाजे पर रखे दीया को हटाना भूल गया. हवा की लपटों में दीया जमीन पर गिर गया और उसकी चिंगारी से देखते ही देखते फूसनुमा मकान धू-धू कर जलने लगा. अचानक घर में मचे कोहराम की गूंज जब तक लोग सुन पाते तब तक काफी देर हो चुकी थी. हालांकि घर के अन्य सदस्य के अलग कमरों में होने के कारण उनकी तो जान बच गयी लेकिन वृद्ध दिव्यांग आग की लपटों में झूलस कर सदा के लिए मौत की नींद सो गया. लोगों ने कहा कि दिव्यांगता की वजह से वह कमरे से भाग नहीं पाया. कुछ ही देर में सब कुछ स्वाहा हो गया.
गांव के लोग जुटकर डीजल पंप के सहारे आग पर काबू तो पा लिया लेकिन हादसे में एक ही जान चली गयी. घटना की सूचना मिलते ही जहानाबाद के सीओ सुनील कुमार शाह एवं कल्पा ओपी की पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर अगलगी में हुए नुकसान का खुद से आकलन भी किया. फौरी तौर पर सीओ ने मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपये का चेक सहायता के रूप में दी है. साथ ही अग्निकांड में हुए नुकसान की भरपाई के लिए आपदा कोष से भी मदद का भरोसा दिलाया है.
लाचारगी ने एक और बेबस इंसान की जान ले ली. अगलगी की घटना में एक दिव्यांग इंसान जिंदा जलता रहा और तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. दरअसल एक फूसनुमा घर में रहने वाले गरीब परिवार का गनौरी मांझी चैन की नींद सो रहा था, तभी काल ने अचानक उसे अपनी आगोश में समेट लिया. कमरे में जल रही दीया उसकी मौत बन गयी. अचानक देर रात कमरे में आग लग गयी. दिव्यांग होने की वजह से वह भाग नहीं पाया और तड़प-तड़प कर जान गंवा बैठा.
माले ने भी जताया शोक
मांदेबिगहा की घटना पर भाकपा-माले ने भी शोक जताया है. माले नेताओं ने गनौरी मांझी की मौत पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार एवं जिला प्रशासन यथाशीघ्र पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि सौंपे. घटना की खबर मांदेबिगहा पंचायत की मुखिया पिंकी देवी, माले नेता निरंजन सिंह, विमल दास समेत कई नेताओं ने घटना पर दुख जताया है. वहीं माले के जिला सचिव श्री निवास शर्मा, रामबलि यादव, श्याम पांडेय, दिनेश दास, अरुण यादव, कुंती देवी ने भी सरकार से पीड़ित परिवार को पक्का मकान व राशन, कपड़ा के साथ-साथ पांच लाख रुपये मुआवजा दिये जाने की मांग की है.
अगलगी पर जताया शोक
युवा राजद के प्रदेश महासचिव कुमार कृष्ण मोहन एवं राजद नेता सुदय यादव ने अंजनी मुसहरी का दौरा कर मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी है. सुदय यादव ने कहा कि गनौरी मांझी गरीब परिवार से थे एवं विकलांग होने की वजह से भाग नहीं पाये. इसी वजह से उनकी जान चली गयी. उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है. मांझी भूमिहीन है, इंदिरा आवास नहीं बना इसलिए फूस की झोंपड़ी में ही रात गुजारता था. सरकार इनके परिजनों को उचित मुआवजा और सहायता राशि दे. दौरा करने वालों में तेज प्रताप, पूर्व मुखिया इंद्रदेव चंद्रवंशी, अनिल सिंह, ब्रजकिशोर सिंह, कामेश्वर सिंह, मनोज यादव, रवींद्र सिंह एवं परमहंस राय शामिल हैं.

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