उदासीनता. हाइटेक पंचायत सरकार भवन में लटका रहता है ताला
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मुखिया के निजी आवास से होता है समस्या का निबटारा
उदासीनता. हाइटेक पंचायत सरकार भवन में लटका रहता है ताला जहानाबाद : जिले के विभिन्न प्रखंडों में आम लोगों को सुलभ सुविधा उपलब्ध कराने एवं समस्या का निराकरण गांव स्तर पर करने के उद्देश्य से लाखों की लागत से पंचायत मुख्यालय में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया गया है लेकिन लाखों खर्च के बावजूद […]
जहानाबाद : जिले के विभिन्न प्रखंडों में आम लोगों को सुलभ सुविधा उपलब्ध कराने एवं समस्या का निराकरण गांव स्तर पर करने के उद्देश्य से लाखों की लागत से पंचायत मुख्यालय में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया गया है लेकिन लाखों खर्च के बावजूद सरकार के बेहतर सोच का फायदा ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. पंचायत सरकार भवन निर्माण होने के कई वर्ष बाद भी आज पंचायत मुख्यालय में अधिकांश जगह पर ताला ही लटका रहता है. ऐसी स्थिति में ग्रामीण अपनी समस्या को लेकर प्रखंड कार्यालय के चक्कर काटने को विवश हैं. अस्तित्व में पंचायत कार्यालय नहीं आने के कारण बने पंचायत सरकार भवन का ताला साल में एक -दो दफा या फिर विशेष मौके पर ही खुल पाता है. ग्रामीण बताते हैं कि पंचायत मुख्यालय सिर्फ नाम का रह गया है.
मुख्यालय में बने भवन गांव की शोभा बढ़ाने का काम कर रही है. मुख्यालय में न तो मुखिया मिलते हैं न ही कोई कर्मचारी से संपर्क हो पाता है. फरियादी जन-प्रतिनिधि से संपर्क करने के लिए घंटों उनके दरवाजों पर मिलने का इंतजार करते रहते हैं. यूं कहा जाय तो निर्वाचित मुखिया ने अपने निजी आवास को ही अस्थायी तौर पर पंचायत कार्यालय बना लिया है. मुखिया का स्थायी ठौर-ठिकाना उनका घर ही बना है. अगर पंचायत कार्यालय में कोइ भी जरूरी कागजात खोजा जाय तो अधिकांश जगहों पर किसी प्रकार की कोई जरूरी कागजात नहीं रहता है. लगभग करोड़ों की लागत से बना पंचायत सरकार भवन तो अत्याधुनिक सुविधा से लैस बनाया गया है लेकिन 26 जनवरी ,15 अगस्त या फिर शिविर आम सभा लगाने के लिए भवन का ताला खुलता है. पंचायत मुख्यालय को हाइटेक बनाने के लिए इंटरनेट सिस्टम के ओपीजी अंडरग्राउंड इंटरनेट वायर भी पहुंचाये गये हैं ताकि कंप्यूटर के माध्यम से सरकार का निर्देश या फिर ग्रामीणों को कल्याणकारी योजना की जानकारी घर बैठे उपलब्ध हो. नयी तकनीक से बना दो मंजिला सरकार भवन में मीटिंग हॉल ,मुखिया सरपंच का कार्यालय ,पंचायत सचिव का कार्यालय, कंप्यूटर रूम सहित नये जमाने के शौचालय एवं पेयजल के लिए समरसेबल व टंकी लगाया गया है. एक एकड़ में बना सरकार भवन कई जगहों पर साफ-सफाई के अभाव में भूत बंगला में तब्दील हो गया है. रोशनी का अभाव रहने से सरकारी भवन असामाजिक तत्वों एवं नशेड़ियों का अड्डा बना है. कई जगहों पर देखरेख के अभाव में लगाये गये खिड़कियां के अधिकांश कांच को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. भवन देखरेख के अभाव में टूट रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सदर प्रखंड के अमैन, गोनवां, जामुक, सेवनन, सिकरिया, मंदेबिगहा, सुरंगापुर, भवानीचक आदि पंचायत में पंचायत सरकार भवन बना है. प्रखंड के 14 पंचायत में सात पंचायत में अभी भी भवन बनना बाकी है जिसके लिए पंचायती राज विभाग द्वारा भवन निर्माण के लिए जमीन की रिपोर्ट मांगी गयी है.
वर्षों बीतने के बावजूद अधिकतर जगहों पर अस्तित्व में नहीं आया पंचायत कार्यालय
कर्मचारियों से संपर्क के लिए लगाना पड़ता है प्रखंड कार्यालय का चक्कर
एक करोड़ रुपये से बना है पंचायत सरकार भवन
पहले 85 लाख से पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जाता था. नये निर्देश के अनुसार लगभग करोड़ रुपये से हाइटेक पंचायत सरकार भवन का निर्माण पंचायतों में कराया गया है. देखभाल के लिए अस्थायी तौर पर जन-प्रतिनिधि को ही देखरेख करने को कहा गया है. आने वाले दिनों में हाइटेक पंचायत सरकार भवन का फायदा ग्रामीणों को मिलना शुरू हो जायेगा.
मनोज कुमार, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी
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