जमुई : जमुई के सोनो में कार्यरत एक शिक्षिका को उसके पति ने, जो सीआइएसएफ में था, पहचानने से ही इनकार कर दिया. महिला भी मामले को अदालत में ले गई. पति को जेल हो गई और उसकी नौकरी भी चली गई. जवान चंडीगढ़ में पदस्थापित था. मामला नियोजित शिक्षिका सुनीता कुमारी का है. 2013 में सुल्तानगंज के पिलदौड़ी गांव निवासी सीआइएसएफ जवान संजीव कुमार के साथ उसकी शादी हुई थी. शादी के दूसरे ही दिन उसे घर में घुसने से रोक दिया गया. ससुराल वालों ने लड़की के घर में घुसने से पहले दहेज में कार की मांग की. लड़की के माता-पिता ने लड़के के अभिभावकों को समझाने का प्रयास किया,
लेकिन वे नहीं माने. उन्होंने धमकी दी कि अपने बेटे की शादी किसी सुंदर लड़की से कर देंगे एक दिन स्कूल से छुट्टी मिलने पर जब शिक्षिका अपनी ससुराल गई तो वहां उसने अपने पति को दूसरी पत्नी रोशनी के साथ पाया.ससुरालवालों ने शिक्षिका को पीटकर घर से निकाल दिया. पंचायत की कोशिश भी विफल साबित हुई. हार कर सुनीता ने न्यायालय की शरण ली. एसडीजेएम जमुई की अदालत में मामला चल रहा था. इस बीच संजीव कुमार ने हाईकोर्ट से यह कहकर औपबंधिक जमानत ले ली कि उसने सुनीता से कभी शादी ही नहीं की.हाईकोर्ट के आदेश पर शादी की जांच के लिए छह महीने की अवधि तय की गई. समयावधि पूरी होने के बाद सुनीता ने फिर न्यायालय में गुहार लगाई. मंगलवार को सुनीता के पति संजीव कुमार की जमानत एसडीजेएम जमुई एनके त्यागी ने रद्द करते हुए उसे जमुई जेल भेज दिया. इस बीच दूसरी शादी करने के कारण उसकी सीआइएसएफ से नौकरी भी चली गई है.