गहराया बिजली संकट . संसाधन के अभाव में अक्षम साबित हो रहा विद्युत विभाग
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खपत 15, आपूर्ति आठ मेगावाट
गहराया बिजली संकट . संसाधन के अभाव में अक्षम साबित हो रहा विद्युत विभाग जिले में आवश्यकता की तुलना में आधे विद्युत आपूर्ति किये जाने से िबजली संकट गहरा गया है. इसे लेकर लोगों में आक्रोश पनप रहा है. वहीं विभाग के द्वारा मेंटेनेंस के नाम पर भी अक्सर िवद्युत आपूर्ति रोक दी जाती है. […]
जिले में आवश्यकता की तुलना में आधे विद्युत आपूर्ति किये जाने से िबजली संकट गहरा गया है. इसे लेकर लोगों में आक्रोश पनप रहा है. वहीं विभाग के द्वारा मेंटेनेंस के नाम पर भी अक्सर िवद्युत आपूर्ति रोक दी जाती है.
जमुई : प्रत्येक माह सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व देनेवाला विद्युत विभाग संसाधनों के अभाव में लोगों को समुचित तरीके से विद्युत उपलब्ध कराने में अक्षम साबित हो रहा है. जानकारी के अनुसार पावर ग्रिड स्टेशन में 20-20 एमवीए का मात्र दो ट्रांसफार्मर लगाया गया है, जिससे मात्र 30 से 32 मेगावाट विद्युत आपूर्ति ही संभव है,
जो खपत से काफी कम है. उपभोक्ताओं की संख्या को देखते हुए 55 से 60 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति हेतु आवश्यकता है लोगों की मानें तो कभी तार टूटने तो कभी लो वोल्टेज व कभी लोड शेडिंग के कारण उपभोक्ता परेशान रहते हैं. विभाग द्वारा हर बार उसंसाधनों का रोना रोया जाता है लेकिन बिल वसूली में विभाग कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है.
95 हजार उपभोक्ता पर हैं मात्र 27 सौ ट्रांसफॉर्मर
विभाग द्वारा विद्युत आपूर्ति के लिए 95 हजार उपभोक्ता पर मात्र 27 सौ ट्रांसफॉर्मर लगाये गये हैं, जो ऊट के मुंह में जीरा के समान है. यह किसी भी दृष्टिकोण से पर्याप्त नहीं है. 27 सौ ट्रांसफॉर्मर में 63 केवी, 100 केवी, 200 केवी व 25 केवी के ट्रांसफॉर्मर शामिल हैं. सच्चाई यह है कि 63 केवी के एक ट्रांसफॉर्मर से अधिकतम 42,100 केवी के ट्रांसफॉर्मर से अधिकतम 80 व 200 केवी के ट्रांसफॉर्मर से अधिकतम 160 उपभोक्ता को ही विद्युत आपूर्ति सही तरीके से संभव है. संसाधनों की कमी के कारण विभाग की सारी व्यवस्था लुंज पुंज बनी हुई है व उपभोक्ताओं की सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
ग्रिड की क्षमता बढ़ाये बगैर समुचित आपूर्ति संभव नहीं
अभी ग्रिड में मात्र 40 एमवीए का ट्रांसफॉर्मर लगा हुआ है जिससे 32 मेगावाट से ज्यादा विद्युत आपूर्ति संभव नहीं है. सुचारु रुप से विद्युत आपूर्ति के लिए ग्रिड में 70 एमवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाना जरुरी है, तभी मांग के अनुरूप विद्युत आपूर्ति हो पायेगी, क्योंकि लगाये गए ट्रांसफॉर्मर पर कुल एमवीए का 80 प्रतिशत से अधिक भार देना संभव नहीं है.
विभाग के लापरवाही भरे रवैये के कारण नगर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्ड नं 10 नारडीह, शाहपुर व वार्ड नं 15 के लगमा मुहल्ला को ग्रामीण फीडर से ही आज भी आपूर्ति की जा रही है. इन मुहल्ले के लोगों की माने तो हमलोगों से शहरी फीडर से आपूर्ति का बिल लिया जाता है व बदले में विभाग द्वारा ग्रामीण फीडर से विद्युत आपूर्ति की जाती है. इस भीषण गरमी में हमलोगों को मात्र चार से पांच घंटे ही सही तरीके से बिजली मिलती है, जिसके कारण हमलोग जागकर रात बिताने को मजबूर हैं.
गरमी में और बढ़ी परेशानी
जमुई शहर व झाझा शहर को 15 मेगावाट विद्युत की जगह मात्र आठ मेगावाट बिजली मिलती है. जिसके कारण भी शहर वासियों को सही तरीके से बिजली नहीं मिल पाती है व शत-प्रतिशत विपत्र का भुगतान करने के बाद भी शहरवासी भीषण गरमी से जूझने को विवश हैं.
कहते हैं कार्यपालक अभियंता
संसाधनों की कमी व अनियमित विद्युत आपूर्ति को लेकर विद्युत कार्यपालक अभियंता भानु प्रताप सिंह ने बताया कि ग्रिड में अधिक क्षमता वाले ट्रांसफॉर्मर लगाने व पतनेश्वर पहाड़ के समीप नदी के बीचों बीच 33 केवीए लाइन को पार करने के लिए दोनों किनारे पर टावर लगाने की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान कर दी गयी है. ग्रिड में अधिक क्षमतावाले ट्रांसफॉर्मर लगने से मांग के अनुरुप विद्युत आपूर्ति संभव हो जायेगी व टावर बनने पर मलयपुर से खैरमा पावर सब स्टेशन, मलयपुर से खैरा पावर सब स्टेशन व मलयपुर से जमुई पावर सब स्टेशन को अलग-अलग लाइन मिलने लगेगा, जिससे सभी समस्याओं का निदान हो जायेगा.
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