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मुरादें पूरी करती है मणिकुरा आश्रम की मां कामाख्या

सोनो-चकाई मुख्य मार्ग पर अवस्थित मणिकुरा आश्रम झाझा : प्रखंड क्षेत्र के मणिकुरा आश्रम में स्थापित मां कामाख्या अपने भक्तों की मन की मुरादें पूरी करती है़ मां के प्रति बढ़ते आस्था के कारण ही यहां आने वाले भक्तों की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है. उक्त जानकारी देते हुए आश्रम के आचार्य पंडित […]

सोनो-चकाई मुख्य मार्ग पर अवस्थित मणिकुरा आश्रम

झाझा : प्रखंड क्षेत्र के मणिकुरा आश्रम में स्थापित मां कामाख्या अपने भक्तों की मन की मुरादें पूरी करती है़ मां के प्रति बढ़ते आस्था के कारण ही यहां आने वाले भक्तों की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है. उक्त जानकारी देते हुए आश्रम के आचार्य पंडित मुरलीधर पांडेय, बिजय पांडेय बताते हैं कि मां की प्रेरणा से वशीभूत होकर वर्ष 2007 के जुलाई माह में पूरे विधि-विधान से मां की प्राण प्रतिष्ठा कराया गया था. मां की असीम कृपा से यह स्थल काफी कम समय में लोगों का आस्था का केंद्र बन गया है. वर्तमान में यह स्थल मनोकामना पूर्ण करने वाली मां के रूप में प्रसिद्ध हो कर रह गया है़

कहां है मंदिर

प्रखंड क्षेत्र के सोनो-चकाई मुख्य मार्ग पर अवस्थित मणिकुरा आश्रम झाझा रेलवे स्टेशन से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है़ यहां पहुंचने को लेकर आटो रिक्शा के अलावे अन्य निजी वाहन से जाया जा सकता है़

कैसे होती हे पूजा

इस मंदिर में मां कामाख्या के अलावे 10 महाविद्या की भी मूर्ति स्थापित किया गया है़ माता की पूजा पूरे तांत्रिक विधि से आश्रम के आचार्य या पुजारी के द्वारा किया जाता है़ आश्रम के पुजारी बताते हैं कि मां को अपराजिता व अड़हुल का फूल सबसे प्रिय होने के कारण उसी पुष्प से नित्य उनकी पूजा की जाती है.

कब होती है विशेष पूजा

यों तो प्रत्येक दिन पूजा अर्चना होती है. लेकिन प्रत्येक रविवार तथा माह के 17 तारीख को विशेष प्रकार से पूजा अर्चना होती है. खासकर आश्विन एवं चैत्र नवरात्र के दिनों में मां की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है़

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