21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मंदिर की संपत्ति को बताया निजी, आक्रोश

कई दशकों से लोगों की आस्था का केंद्र रहा है जगदंबा मंदिर परिक्रमा स्थल को निजी संपत्ति बनाने के प्रयास से आम लोगों में आक्रोश सिकंदरा : प्रखंड मुख्यालय के मुख्य चौक स्थित जगदंबा मंदिर कई दशकों से लोगों के आस्था का केंद्र रहा है. लेकिन प्रत्येक दिन सैकड़ों लोगों को अपने परिसर में शरण […]

कई दशकों से लोगों की आस्था का केंद्र रहा है जगदंबा मंदिर

परिक्रमा स्थल को निजी संपत्ति बनाने के प्रयास से आम लोगों में आक्रोश
सिकंदरा : प्रखंड मुख्यालय के मुख्य चौक स्थित जगदंबा मंदिर कई दशकों से लोगों के आस्था का केंद्र रहा है. लेकिन प्रत्येक दिन सैकड़ों लोगों को अपने परिसर में शरण देने वाले इस प्राचीन मंदिर पर भू माफियाओं की नजर गड़ गयी है और भू माफिया जालसाजी के माध्यम से पांच डीसमिल के परिसर में बने इस प्राचीन मंदिर के जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है.
जिसकों लेकर क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है. बताते चलें कि सरकारी खातियान के अनुसार सिकंदरा मुख्य चौक के समीप खाता संख्या 484 व खसरा 205 में एक डीसमिल रकवा पर जगदंबा स्थान मंदिर निर्मित है. वहीं खाता संख्या 484, खसरा 206 रकवा चार डीसमिल आम गैरमजरूआ परती के रूप में दर्ज है.
जिसका इस्तेमाल श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर के परिक्रमा एवं अन्य पूजन कार्यों में किया जाता था. लेकिन सिकंदरा के ही अरुण मिश्रा एवं कुछ अन्य लोगों ने कुछ वर्ष पूर्व हलका कर्मचारी को प्रलोभन देकर उक्त दोनों जमीन को अपने पूर्वजों के नाम दर्ज करवा लिया था एवं राजस्व कर्मचारी से उक्त जमीन का रसीद भी कटवा लिया था.
जिसके बाद अरुण मिश्रा व अन्य लोगों ने उक्त परती जमीन पर स्थायी संरचना कर दिया. लेकिन जब इस अनैतिक साजिश का खुलासा हुआ तो तत्कालीन अंचलधिकारी ने जालसाजी से की गयी गलत बंदोबस्ती को रद्द करते हुए दोषी राजस्व कर्मचारी को निलंबिन कर दिया. 12 जून 2000 को जिलाधिकारी ने बंदोबस्ती को रद्द करते हुए उक्त जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया.
जिसके बाद अरूण मिश्रा ने मामले को उलझाये रखने की नीयत से उच्च न्यायालय में मामला दायर कर दिया. इस संबंध में जगदंबा स्थान मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष बाबूलाल यादव ने बताया कि उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी के आदेश पर परिवादी को किसी प्रकार की अंतरिम राहत प्रदान नहीं की है.
उन्होंने बताया कि इस मामले को सामाजिक रूप से भी सुलझाने का प्रयास कई बार किया गया. लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकल पाया. वहीं कई दशकों से जन जानकी आस्था का केंद्र रहे जगदंबा मंदिर एवं इसके परिक्रमा स्थल को निजी संपत्ति बनाने के प्रयास से आम जन मानस में आक्रोश पनपने लगा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें