जमुई : कभी लो वोल्टेज तो कभी तार टूटने तो कभी ट्रांसफाॅर्मर जलने की वजह से और कभी-कभी तो लोड शेडिंग की वजह से विद्युत आपूर्ति अक्सर बाधित रहती है. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अनियमित विद्युत आपूर्ति की वजह से विद्युत पर आधारित कई दैनिक कार्यों के […]
जमुई : कभी लो वोल्टेज तो कभी तार टूटने तो कभी ट्रांसफाॅर्मर जलने की वजह से और कभी-कभी तो लोड शेडिंग की वजह से विद्युत आपूर्ति अक्सर बाधित रहती है. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
अनियमित विद्युत आपूर्ति की वजह से विद्युत पर आधारित कई दैनिक कार्यों के निष्पादन में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की माने तो विद्युत एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गयी है और घरेलू इस्तेमाल में आने वाले कई यंत्र संयंत्रों का संचालन भी बिजली पर ही होता है. किंतु बिजली की आंखमिचौनी व अनियमित व्यवस्था से लोग परेशानी महसूस करने लगे है.
25 मेगावाट विद्युत की होती है आपूर्ति : विभाग के कर्मियों की माने तो पावर ग्रिड में मात्र 20-20 एमवी का दो ट्रांसफाॅर्मर लगे होने के कारण 25 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति ही हो पाती है. झाझा और जमुई नगर क्षेत्र को 13-14 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जाती है. जबकि खैरा, सिकंदरा और अलीगंज प्रखंड को अन्य प्रखंडों की अपेक्षा कम विद्युत की आपूर्ति की जाती है. ग्रामीण क्षेत्रों में 10-12 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है.
छात्र-छात्राओं को होती है परेशानी : अनियमित विद्युत आपूर्ति की वजह से छात्र-छात्राओं को शाम के समय पठन-पाठन में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शाम में बिल्कुल बिजली रहती ही नहीं है. क्षेत्र के प्रबुद्धजन कहते हैं विभाग राजस्व वसूली में अच्छी सुधार किया है. लेकिन अनियमित विद्युत आपूर्ति में अबतक कोई सुधार नहीं कर सकी है. जो कहीं से न्यायोचित नहीं है.
कहते हैं विद्युत कार्यपालक अभियंता : अनियमित विद्युत आपूर्ति के बाबत पूछे जाने पर विद्युत कार्यपालक अभियंता भानु प्रताप सिंह ने बताया कि विद्युत आपूर्ति में सुधार के लिए बोर्ड के अधिकारियों को लिखा गया है. लेकिन बोर्ड द्वारा इस दिशा में कोई समुचित कदम नहीं उठाया है. वर्तमान समय में 40 मेगावाट मांग के जगह मात्र 25 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही है. जिससे भी आपूर्ति प्रभावित होता है.