जमुई : जिले के सिकंदरा प्रखंड के सरसा गांव के किसान ललन चौधरी के खेत पर धान की सीधी बुआई को लेकर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया. मौके पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डाॅ प्रमोद कुमार ने कहा कि कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए सकारात्मक पहल के तौर पर यांत्रिकरण को प्रोत्साहित्य किया जा रहा है.
विभिन्न अध्ययनों से यह पता चला है कि बुआई से लेकर कटाई तक के सारे कृषि कार्य यदि यंत्रों के सहारे किये जाये तो कार्य की दक्षता में वृद्धि होगी और कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि मशीन द्वारा की गयी खेती के लागत में अप्रत्याशित ढंग से कमी देखी गयी है. खेती में मजदूरों की उपलब्धता में कमी होती जा रही है.
मौसम व समय पर आधारित हमारी खेती कही से भी लाभदायक नहीं है और बुआई में विलंब होने पर काफी नुकसान दायक होती है. उन्होंने कहा कि धान की खेती में राइस ट्रांसप्लांटर एक वरदान बन कर धान की खेती में काफी सहयोग प्रदान कर रहा है. इस मशीन के माध्यम से एक एकड़ क्षेत्रफल की बुआई करने में मात्र एक से डेढ़ घंटा का समय लगता है. कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डाॅ सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि द्वितीय हरित क्रांति यांत्रिकरण के रथ पर सवार होकर आयेगी.
उन्नत कृषि तकनीक में उन्नत कृषि यंत्रों को जोड़े बगैर बेहतर कृषि की कल्पना नहीं की जा सकती है. अब किसानों को पारंपरिक खेती की विधि को त्याग कर आधुनिक विधि से खेती करना चाहिए. इस अवसर पर कृषि समन्वयक राकेश कुमार, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक राजीव नयन, किसान सलाहकार वीरचंद पटेल, नरेश चौधरी, मसुदन यादव, कौशल चौधरी आदि मौजूद थे.