जमुई : मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा के पश्चात पूजा पंडालों का पट मां के दर्शन के लिए सोमवार देर संध्या खोल दिया गया. पट खुलते ही जय दुर्गे जय दुर्गे की जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजामान हो उठा और श्रद्धालु मां के दर्शन को बेताब हो उठे.
इस दौरान लोगों ने माता के दर्शन कर श्रद्धा व भक्ति के साथ पूजा अर्चना की और अपने तथा परिजनों की कुशलता की कामना के लिए मां से प्रार्थना की. मां का पट खुलते ही सभी पूजा पंडालों और दुर्गा मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं ने पंक्तिबद्ध होकर माता का दर्शन किया.
पंचमंदिर स्थित श्री श्री 108 बड़ी दुर्गा पूजा समिति ने बताया कि 20 अक्तूबर को महाअष्टमी होगी और इस दिन महिलाएं खोईंछा भी भर सकेंगी. 21 अक्तूबर को महानवमी होगी और 22 अक्तूबर को प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा. मेला परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गयी और सुरक्षा की भी व्यवस्था की गयी है.
10 वर्षों से होती है पूजा अर्चना: जमुई . नगर परिषद क्षेत्र में नारडीह में विगत 10 वर्षों से मां दुर्गा की स्थायी प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जा रही है. इस बाबत जानकारी देते हुए अशोक साव, मुन्ना पांडेय, बंटी साव,
राजेश साव, दिवाकर पांडेय आदि ने बताया कि सन 2005 में समाजसेवी उमाशंकर भगत उर्फ टुनटुन भगत के सहयोग से लोगों द्वारा वैष्णवी दुर्गा मंदिर का निर्माण करा कर मां दुर्गा की स्थायी प्रतिमा स्थापित की गयी थी. प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा के पूर्व मंदिर की साफ सफाई व रंग रोगन करा कर भव्य तरीके से माता की पूजा अर्चना की जाती है और संध्या में भव्य आरती भी दी जाती है. महाअष्टमी व नवमी को विशेष पूजा भी होती है.