इन केंद्रो पर पल्स पोलियो या टीकाकरण अभियान के दौरान ही एएनएम आदि दिखाई पड़ती है. विभाग की लापरवाही के कारण क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोग झोलाछाप डॉक्टर पर ही निर्भर रहते हैं.
स्थानीय ग्रामीण रंजीत मरांडी, कन्हाई मरांडी आदि बताते हैं कि क्षेत्र के लोग बीमार होने पर दस -बीस किलोमीटर दूरी तय चिकित्सक के यहां पंहुचते हैं. इस संबंध में पूछे जाने पर रेफरल अस्पताल प्रभारी रमेश प्रसाद ने बताया कि विभाग द्वारा उपकेंद्रो के भवन की जर्जरता की रिर्पोट ली गयी है. शीघ्र ही मरम्मती करायी जायेगी. उन्होंने बताया कि विभाग मे कर्मियों की कमी है फिर भी हर संभव सुविधा प्रदान किया जाता है.