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दो हजार नजराना दिये बगैर नहीं मिलती शौचालय की प्रोत्साहन राशि

सिमुलतला : एक तरफ जहां भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार की तरफ से युद्ध स्तर पर कई तरह की मुहिम चलाई जा रही है, वहीं सूबे की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना के तहत बनाई जाने वाली शौचालय की प्रोत्साहन राशि भी बगैर नजराना दिए प्राप्त करना मुश्किल हो गया है. शौचालय […]

सिमुलतला : एक तरफ जहां भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार की तरफ से युद्ध स्तर पर कई तरह की मुहिम चलाई जा रही है, वहीं सूबे की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना के तहत बनाई जाने वाली शौचालय की प्रोत्साहन राशि भी बगैर नजराना दिए प्राप्त करना मुश्किल हो गया है.

शौचालय की जियो टैगिंग को लेकर मंगलवार को कनौदी पंचायत भवन में आयोजित शिविर में भी इस नजराने की शिकायत को लेकर काफी हो हंगामा हुआ. जहां पूर्व जिलापरिषद सह व्यापार मंडल अध्यक्ष श्रीकांत यादव, कनौदी पंचायत के मुखिया पति अताउल्ल अंसारी, सरपंच मनोरंजन प्रसाद, पंचायत समिति सदस्य सत्तार अंसारी एवं उदय सिंह आदि ने सबकी शिकायत गंभीरता पूर्वक सुनी.
पत्रकारों से बातचीत में पूर्व पार्षद श्री यादव ने कहा कि शौचालय की प्रोत्साहन राशि में लूट की शिकायत मैंने सुनी, यह सरकारी अधिकारियों की ज्यादती है, मात्र बारह हजार की राशि मे दो हजार इन साहबों को चाहिये तब येलोग राशि बैंक खाते में ट्रांसफर करते है, चारो तरफ लूट खसोट की इतनी शोर मच रही है फिर भी शासन व्यवस्था के लोग खर्राटे की नींद सो रही है.
सिमुलतला क्षेत्र के खुरंडा एवं कनौदी पंचायत में छह माह पूर्व लोगों ने आवेदन जमा किया है, जो लोग नजराना देने में सक्षम थे उनकी राशि तो मिल गई लेकिन जिन्होंने पैसे नही दिए उनका काम किसी ना किसी बहाने से लटका कर रख दिया है. उन्होंने खुलकर यह बात कही की प्रखंड कोडिनेशन मनीष कुमार को हर हाल में दो हजार रुपये चाहिए तब राशि मिलना सम्भव होता है. आश्चर्य तो तब होता है इसकी शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त तक नही सुनते है.
किसी को पैसे देने की जरूरत नहीं : नोडल पदाधिकारी
सरकारी सिस्टम को ऐसी दीमक लग जाएगी उसकी किसी ने कल्पना नही की थी. यदि अविलम्ब इसपर कार्रवाई नही होती है तो अब वह समय आ गया है जब हमलोग सड़क पर उतरकर इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन करेंगे.
वहीं सरपंच ने कहा कि इन गरीबो की आपबीती सुनकर कोई भी पत्थरदिल इंसान का कलेजा पिघल जायेगा, और ये कैसे संवेदनहीन पदाधिकारी है जो इन गरीबों से दो हजार रुपये लेने में इनके हाथ नही कांपते. मैं तो इसके लिए इस अफसरशाही सरकार को दोषी मानता हूं. गरीबों की हक के लिए छिड़ने वाली इस लड़ाई के लिए मैं भी आमलोगों के साथ हूं.
हलाकि शिविर में उपस्थित नोडल पदाधिकारी शिवेंद्र कुमार ने बताया कि किसी को पैसे देने की जरूरत नही है कोई पैसा मांगता है तो उसकी शिकायत डीएम साहब से करें. इस संदर्भ में कोडिनेशन मनीष ने बताया कि पैसे लेने का आरोप निराधार है सभी का काम विधिवत हो रहा है कुछ लोगों का पेमेंट हुआ है कुछ का कार्य प्रगति पर है.

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