खैरा : प्रखंड अंतर्गत जीतझिंगोई पंचायत के हरदीमोह गांव को मशरूम ग्राम घोषित किया गया. इसे लेकर गुरुवार को नेशनल मिशन ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा के द्वारा जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें महिला कृषकों की आमदनी दोगुनी करने हेतु मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण दिया गया. कार्यक्रम […]
खैरा : प्रखंड अंतर्गत जीतझिंगोई पंचायत के हरदीमोह गांव को मशरूम ग्राम घोषित किया गया. इसे लेकर गुरुवार को नेशनल मिशन ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा के द्वारा जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें महिला कृषकों की आमदनी दोगुनी करने हेतु मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण दिया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि महिलाओं के स्वावलंबन हेतु मशरूम उत्पादन करना तथा स्वरोजगार के तौर पर मशरूम उत्पादन को अपनाना वाकई में काबिले तारीफ है.
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं में से स्वरोजगार की योजना सबसे बेहतर है. परंतु कई मर्तबा यह शिकायत मिलती है कि सरकार की योजनाएं कागजी तौर पर तो बहुत पुख्ता तरीके से प्रस्तुत की जाती है, परंतु धरातल पर उसे लेकर शिथिलता देखी जाती है. इस कारण लोगों में असंतोष रहता है.
उन्होंने कहा कि हम उनके जगह पर जाकर सरकार की स्कीम की जांच करेंगे तथा उनका असंतोष को दूर करने के लिए प्रयासरत होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि मेरा लक्ष्य यही है कि मैं ऊपर की तरफ से नहीं आ कर नीचे के स्तर से स्कीम को देखूं ताकि लोगों में फैले असंतोष की भावना को दूर किया जा सके. कार्यक्रम में उप परियोजना निदेशक मुकुल कुमार, कृषि वैज्ञानिक प्रमोद कुमार, जिला लेखापाल सिकंदर वाजपेयी, सहायक तकनीकी प्रबंधक झाझा संजीव कुमार, खैरा के सहायक तकनीकी प्रबंधक ऋतु राज, एटीएम राजीव नयन, विपुल कुमार, राकेश कुमार, कुमारी तृप्ति, महिला प्रशिक्षक कविता कुमारी, सुधा कुमारी, संजू कुमारी सहित बड़ी संख्या में महिला किसान मौजूद थे.
खेती का विकास किये बिना राज्य का विकास संभव नहीं
डीएम ने कहा कि मेरा लक्ष्य हर प्रखंड और ग्राम पंचायत तक जाना है और साल 2018 के अंत तक हर प्रखंड के कम से कम एक पंचायत को मशरूम ग्राम घोषित करना है. क्योंकि खेती के विकास बिना जिले, राज्य और देश का विकास संभव नहीं है. जिलाधिकारी ने कहा कि आम लोगों के लिए सरकार की तरफ से ढेर सारे स्कीम चलाया जाता है और हम बस उन योजनाओं को आप तक पहुंचाने का माध्यम है. हमारी प्राथमिकता यही है कि योजनाओं को सही से लागू किया जाये और सरकार तथा लाभुक के बीच के गैप को खत्म किया जाये. डीएम ने कहा कि सरकार 16 से 28 साल तक के युवाओं के लिए कई योजनाएं चला रही है.
इनका लाभ जरूरतमंद को मिलना चाहिए. कार्यक्रम को आत्मा परियोजना निदेशक आनंद विक्रम सिंह ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन महिलाओं के लिए स्वरोजगार का बेहतर साधन है. गृहिणी जिनके पति काम करते हैं वह घर में रहकर मशरूम उत्पादन कर प्रतिमाह 6 से 7 हजार रुपये कमा सकती हैं. मशरूम के अलग-अलग इस्तेमाल के लिए इसकी मांग बढ़ी है. गर्मी के मौसम में होने वाले मशरूम की खेती को नजदीक से समझने के लिए मुंगेर जिले से 40 महिलाएं भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जमुई आयी.
इस दौरान जिलाधिकारी श्री कुमार ने गांव में हो रहे मशरूम उत्पादन का मुआयना भी किया. इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया गया तथा गांव की महिलाओं ने डीएम को मशरूम का टोकरा भी भेंट किया.