28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बैंक की उदासीनता से प्रभावित हो रही हैं उद्योग विभाग की योजनाएं

विकास में बाधा . योजनाओं को नहीं देते स्वीकृति, ऋण देने में आनाकानी जमुई : बैंक की उदासीनता के कारण जिले में उद्योग विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. जिसके कारण उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर ग्रहण लगता दिख रहा है. उद्योग विभाग द्वारा वर्तमान समय में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, […]

विकास में बाधा . योजनाओं को नहीं देते स्वीकृति, ऋण देने में आनाकानी

जमुई : बैंक की उदासीनता के कारण जिले में उद्योग विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. जिसके कारण उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर ग्रहण लगता दिख रहा है. उद्योग विभाग द्वारा वर्तमान समय में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुद्रा योजना, स्टार्ट अप इंडिया व स्टैंड अप इंडिया का संचालन बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए किया जा रहा है. लेकिन प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना पूर्व से ही केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही है
व इस योजना का लाभ लेने के इच्छुक 18 से 50 वर्ष के आयु के लोगों के द्वारा लघु व सूक्ष्म उद्योग लगाने के लिए ऋण हेतु आॅनलाइन आवेदन किया जाता है. इसके पश्चात टास्क फोर्स के द्वारा अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया जाता है व उस आवेदन को ऑनलाइन बैंक को भेज दिया जाता है. वहीं दूसरी ओर बैंक इन योजनाओं को स्वीकृति देने में उदासीनता बरत रही है व आवेदनों को स्वीकृति देने में काफी आनाकानी की जाती है.
कैसे मिलता है प्रधानमंत्री रोजगार व मुद्रा योजना का लाभ : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लघु व सूक्ष्म उद्योग लगाने के लिए 18 से 50 वर्ष के आयु के लोगों द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जाता है. इसके पश्चात उद्योग विभाग द्वारा सारी प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात सेवा क्षेत्र में सूक्ष्म उद्योग के तहत 10 लाख व उत्पादन इकाई के लिए 25 लाख तक का ऋण हेतु बैंक को प्रस्ताव भेजा जाता है. वहीं लघु उद्योग के लिए भी प्रस्ताव भेजा जाता है. ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य कोटि के लाभुकों को 25 प्रतिशत व महिला व अन्य सभी कोटि के लाभुकों को 35 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. वहीं शहरी क्षेत्र के सामान्य कोटि के लाभुकों को 15 प्रतिशत व महिलाओं व अन्य सभी कोटि के लाभुकों को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. शुरुआत में बैंक द्वारा लाभुकों को सब्सिडी की राशि नहीं दी जाती है व रोजगार संचालित कर लेने के तीन वर्ष के पश्चात लाभुक को सब्सिडी की राशि दी जाती है. वहीं मुद्रा योजना के तहत शिशु योजना में 50 हजार, किशोर योजना में 51 हजार से लेकर पांच लाख तक व तरुण योजना में पांच लाख के ऊपर से लेकर 10 लाख तक का ऋण दिया जाता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना या रोजगार योजना का अधिकांश ऋण गैर निष्पादक परिसंपत्ति (एनपीए) हो जाता है. जिसके कारण इस ऋण की वसूली में भी काफी कठिनाई होती है.
मिथलेश कुमार, अग्रणी बैंक प्रबंधक

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें