जमुई (सोनो):बिहारके जमुई में आदर्श ग्राम पंचायत दहियारी के खैरा लेबार गांव में तीन बच्चियां पहले तो बीमार हुई बाद में इलाज के दौरान तीनों की मृत्यु हो गयी. मृत तीनों बच्चियों का संबंध एक ही घर से है. दहियारी की पूर्व पंचायत समिति सदस्य कांति देवी की नतिनी 4 वर्षीय अमीषा कुमारी के अलावे इसी घर के भोला यादव की 5 वर्षीय पुत्री अनु कुमारी व दिलीप यादव की 6 वर्षीय पुत्री खुशबू कुमारी इस हादसे का शिकार हुई है.
अमीषा खैरा प्रखंड के मांगोबंदर निवासी गोपाल यादव की पुत्री थी जो छठ में खैरा लेबार अपनी नानी के घर आयी थी जहां उसका मुंडन हुआ था. दो दिनों के भीतर तीन बच्चियों की मौत से गांव में हड़कंप मच गया. मृत्यु के कारण को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे है. कोई जंगली जहरीला फल खाने से मौत होने की बात कहता है तो कोई अज्ञात बीमारी को मृत्यु का कारण बता रहा है.
बताया जाता है कि बीते 28 अक्टूबर की रात बच्चियों की तबियत खराब हो गयी. पहले तो बुखार आया बाद में उल्टी होने लगा. अगले दिन जब स्थानीय ग्रामीण चिकित्सक के इलाज से सुधार नही हुआ तब भोला यादव अपनी पुत्री अनु को झाझा स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया परंतु 30 अक्टूबर को इलाज के दौरान अनु की मृत्यु हो गयी. इधर खुशबू व अमीषा की भी तबियत बिगड़ने से परिजनों ने दोनों को पहले तो इलाज के लिए झाझा लाये परंतु स्थिति गंभीर होते देख खुशबू को जमुई स्थित एक निजी चिकित्सक के पास ले गए.
इधर, देवघर में इलाजरत अमीषा की गंभीर स्थिति को देख परिजन 31 अक्टूबर को उसे बेहतर इलाज हेतु पटना ले जाने लगे लेकिन रास्ते मे ही उसकी मृत्यु हो गयी जबकि जमुई में इलाजरत खुशबू की मृत्यु भी 31 अक्टूबर की रात्रि में इलाज के दौरान हो गयी. अमीषा के पिता गोपाल ने बताया कि 28 अक्टूबर की दोपहर अमीषा अनु व खुशबू के साथ शौच के लिए गयी थी. इसी दौरान शायद इन बच्चियों ने झाड़ी में उगे किसी जंगली व जहरीले फल को खा ली जिससे रात्रि में तीनों की तबियत बिगड़ने लगी.
उधर कुछ ग्रामीणों द्वारा यह भी सुना जा रहा है कि अक्षय नवमी के दिन आंवला पूजन हेतु समीप के जंगली क्षेत्र में गयी महिलाओं के साथ बच्चियां भी गयी थी जहां झाड़ियों में उगे जहरीले फल को बच्चियां खा ली थी जिसके बाद रात्रि से ही तबियत बिगड़ गयी. मृतक बच्ची अनु के पिता भोला यादव ने जहरीले फल खाने की बात को खारिज करते हुए कहते है कि संभव है कि बच्चियां किसी अज्ञात बीमारी की चपेट में आ गयी हो.
अमीषा के नाना राजेन्द्र यादव ने बताया कि अमीषा के खून की प्रायोगिक व अन्य जांच से चिकित्सक भी हैरान व परेशान थे. उनका भी मानना है कि जहरीले पदार्थ खाने से स्थिति बिगड़ी. कुछ ग्रामीणों का यह भी मानना है कि छठ का प्रसाद खाने से स्थिति बिगड़ी. जितने मुंह उतनी बातों के बीच तीन बच्चियों की मौत से परिजन सहित पूरे गांव शोकाकुल है.