खैरा(जमुई) : थाना के दो पदाधिकारियों के निलंबन के बाद भी एक बार फिर थाना क्षेत्र के बालू माफियाओं को अवैध उठाव का परमिट देने हेतु पदाधिकारियों का दरबार लगने लगा है. पर अंतर सिर्फ इतना है कि अब वो दरबार थाना परिसर में नहीं लगकर थाना में कार्यरत एक अदना कर्मचारी के घर लगता […]
खैरा(जमुई) : थाना के दो पदाधिकारियों के निलंबन के बाद भी एक बार फिर थाना क्षेत्र के बालू माफियाओं को अवैध उठाव का परमिट देने हेतु पदाधिकारियों का दरबार लगने लगा है. पर अंतर सिर्फ इतना है कि अब वो दरबार थाना परिसर में नहीं लगकर थाना में कार्यरत एक अदना कर्मचारी के घर लगता है. जहां पहले ट्रैक्टर चालकों का एक खाता थाने में चलता था जिसमें अवैध बालू उठाव करने वाले ट्रैक्टर का पूरा ब्योरा रखा जाता था.
और उसी खाता के माध्यम से अवैध बालू उठाव के एवज में मोटी रकम वसूली जाती थी. वहीं अब वह खाता उसी अदना से कर्मचारी के घर से संचालित किया जाता है. वहीं प्रतिदिन ट्रैक्टर चालकों का जमावड़ा लगता है. और वहीं से उस कर्मचारी के द्वारा ट्रैक्टर चालकों से रकम लेकर उन्हें बालू उठाव की परमिट दी जाती है. नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ ट्रैक्टर चालकों ने बताया कि उन्हें इस बात की सख्त हिदायत है वह थाना परिसर के आस-पास भी नहीं जायेंगे. उसी कर्मचारी के घर से सारी अवैध कार्यों का संचालन करना होगा. चालकों ने बताया कि उन्हें यह भी हिदायत है कि वह संध्या से पहले उसके घर के इलाके के आसपास भी नहीं फटकेंगे, ताकि किसी को शक नहीं हो. पर रात में सड़कों पर फर्राटा मारते ट्रैक्टर को छिपाना नामुमकिन है.
कर्मचारी के घर लगती है अधिकारियों की बैठकी
जहां एक ओर आम लोगों के लिए पुलिस विभाग के अधिकारियों से मिलना मुश्किल होता जा रहा है. वहीं खैरा थाना के उच्चाधिकारी की प्रतिदिन उस कर्मचारी के घर बैठकी लगती है. प्रतिदिन घंटो थाना के बड़े-बड़े साहब उस कर्मचारी के घर बैठकर पूरा अवैध कारोबार का लेखा-जोखा तय करते हैं. सूत्रों की मानें तो उसी बैठक में यह तय होता है कि किस-किस चालक को बालू उठाव को परमिट देना है और चालकों से कितना पैसा वसूल करना है. सूत्रों ने यह भी बताया कि प्रतिदिन चालक को बालू उठाव करने के एवज में ढाई से तीन हजार रुपये तक चुकाना पड़ता है. जिसके बाद चालक भी मनमाना तरीके से बालू का उठाव कर के उसे मनमाने रेट में बेच रहे हैं.
कर्मचारी ने बनायी अकूत संपत्ति
खैरा थाना में पदस्थापित वह अदना कर्मचारी सभी थानाध्यक्षों के काफी करीब रहा है. वहीं एक मामूली से पद पर काम करने और मामूली वेतन पाने के बावजूद भी उस कर्मचारी ने अकूत संपत्ति बनायी है.
जिसकी बानगी यह है कि एक आलीशान घर गांव में बनाया है. जहां आजकल ट्रैक्टर चालकों का जमावड़ा लगता है. तो वहीं दूसरे शहर में भी उस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ने बिल्डिंग खरीद लिया है. उसकी करीबी की बानगी यह है कि पूरे अवैध बालू उठाव का जिम्मा उसे ही दे दिया गया है.
सिकंदरा पुलिस के जरिये हुआ खुलासा
थाना क्षेत्र में हो रहे बालू उठाव का खुलासा तब हुआ जब सिकंदरा में शनिवार रात अवैध बालू लेकर जा रहे चार ट्रैक्टर को पकड़ा गया तथा चालकों को गिरफ्तार किया गया. सभी ट्रैक्टर चालक खैरा थाना क्षेत्र का रहने वाला है तथा खैरा से बालू उठाव कर सिकंदरा में बेचने हेतु गया था. जहां वह सिकंदरा पुलिस की पकड़ में आ गया. इसके बाद खैरा थाना क्षेत्र में पुलिसिया मिली भगत से हो रहे अवैध बालू उठाव की सत्यता प्रमाणित भी हो गयी. बावजूद इसके रविवार की पूरी रात भी सड़कों पर ट्रैक्टर फर्राटा मारते नजर आया.