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प्रशासनिक लापरवाही से सड़क पर नाच रही मौत

जमुई : मुझे खबर थी कि मेरा इंतजार घर में रहा, ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफर में रहा. कुछ इसी मानसिकता के साथ जिले की सड़कों पर लोग यात्रा करने को विवश हैं. प्रसाशनिक लापरवाही का दंश सड़क दुर्घटना के शिकार हुए लोगों को झेलना पड़ रहा है. जिले में इन दिनों […]

जमुई : मुझे खबर थी कि मेरा इंतजार घर में रहा, ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफर में रहा. कुछ इसी मानसिकता के साथ जिले की सड़कों पर लोग यात्रा करने को विवश हैं. प्रसाशनिक लापरवाही का दंश सड़क दुर्घटना के शिकार हुए लोगों को झेलना पड़ रहा है. जिले में इन दिनों सड़क दुर्घटनाओं मैं बेतहाशा वृद्धि होने से अब सड़क मार्ग से यात्रा करना खतरे से खाली नहीं रह गया है. बेशक प्रसाशन सड़क दुर्घटना रोकने को लेकर प्रयास करती है. परंतु वास्तविकता यह है कि इसमें लगातार वृद्धि हो रही है. और इसका जिम्मेदार प्रसाशनिक उदासीनता को भी माना जा सकता है.

लापरवाही के भेंट चढ़ रहे लोग: जिले में सड़क दुर्घटना लगातार बढ़ती जा रही है. इसका प्रमुख कारण प्रसाशनिक लापरवाही सहित बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था है. इसके साथ ही दुर्घटना का दूसरा प्रमुख कारण सड़कों पर बने अंधे मोड़, सड़क की जर्जरता भी हैं. अंधे मोड़ पर सांकेतिक चिन्ह नहीं होने की वजह से वाहन अक्सर दुर्घटना का शिकार हो जाते है. बताते चलें कि जिले की सड़कें इन दिनों गड्ढों में तब्दील हो गयी है. पर इस ओर प्रसाशनिक पहल होती नहीं दिख रही.
सड़क पर बने बड़े बड़े गड्ढे लगातार दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं. देवघर-चकाई मार्ग, चकाई-सोनो मार्ग, सोनो-झाझा मार्ग, झाझा-गिद्धौर मार्ग, गिद्धौर- जमुई मार्ग, खैरा-जमुई मार्ग, जमुई-सिकंदरा मार्ग, एनएच 333, एनएच 333 ए आदि रास्तों पर दुर्घटना में बेतहाशा वृद्धि हुई है. पर उन गड्ढों को भरने की दिशा में आजतक प्रसाशनिक पहल होती नहीं दिख रही है.
कांवरिया वाहनों के लिए नहीं कोई व्यवस्था: हालांकि जिले में सड़क की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. अन्य जिलों से आने वाले कांवरिया वाहन को इसकी जानकारी नहीं होने के कारण उन्हें दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है. जिसकी बानगी इन दिनों सोनो-चकाई मार्ग पर देखने को मिल रही है. जहां बीते तीन दिनों में तीन बड़ी दुर्घटना घटित हो चुका हैं. जिसके एक महिला की मौत हो गयी तथा सैकड़ो लोग अबतक घायल हो चुके हैं. साथ ही अभी भी खतरे पर ब्रेक नहीं लग सका है.
खराब सड़क के कारण लोग हो रहे हादसे का शिकार: जिले के गिद्धौर थाना क्षेत्र अंतर्गत गिद्धौर जमुई मुख्य राजमार्ग एन एच 333 ए की खराब अवस्था, उक्त सड़क पर आम लोगों के लिये दुर्घटना का कारण बना हुआ है. मुख्य सड़क के खराब अवस्था के कारण सड़क पर बने दर्जनों गड्ढों में फंसकर यात्री, मालवाहक व दोपहिया वाहन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. जो उनके लिये इस सड़क पर सफर के दौरान जानलेवा साबित हो रहा है. बताते चलें कि खराब सड़क के कारण बीते एक माह में लगभग आधा दर्जन दुर्घटनाएं यहां घट चुकी हैं जिसका खामियाजा यहां के लोगों एवं यात्रियों को उठाना पड़ा है. विगत 3 जून को गिद्धौर जमुई मुख्य राजमार्ग पर बानाडीह ग्राम के समीप खराब सड़क पर गड्ढे के संपर्क में आकर खैरा थाना क्षेत्र के डूमरकोला गांव निवासी शत्रुधन रावत के पुत्र महेश कुमार एवं उनके एक करीबी शेखपुरा निवासी रामदेव प्रसाद के पुत्र महेश कुमार घायल हो गये थे. वहीं 17 जून को गिद्धौर-मौरा बाईपास सड़क पर एक तेज गति से आ रही स्कार्पियो वाहन द्वारा सवारी टेम्पो में टक्कर मार दिए जाने से कोल्हुआ पंचायत के धोबघट ग्राम निवासी 7 लोग घायल हो गये थे. इधर 17 जुलाई को राज जीनियस मेकर पब्लिक स्कूल जा रही छात्रों से भरी टेम्पो बानाडीह ग्राम के समीप मुख्य मार्ग पर पलट गई थी जिसमे आधा दर्जन स्कूली छात्र घायल हो गये थे. वहीं 23 जुलाई को मुख्य मार्ग पर गंगरा मोड़ के समीप देवघर से पूजा कर लौट रही एक ट्रेकर यात्री वाहन में अनियंत्रित हो एक मोटरसाइकिल सवार द्वारा टक्कर मार दिए जाने से पूर्वी गुगुलडीह पंचायत निवासी दो लोग घायल हो गये थे. यहां यह बता दें कि गिद्धौर से जमुई मुख्य राजमार्ग पर गिद्धौर बाजार, कैराकादो मोड़ से लेकर बनाडीह ग्राम व रतनपुर साव टोला के समीप तक मुख्य मार्ग की हालत इतनी जर्जर है कि यहां हर रोज कोई न कोई यात्री वाहन या दोपहिया वाहन दुर्घटना के शिकार हो रहे है.
घर में घुस गया था ट्रक: जिले के मलयपुर थाना क्षेत्र में भी इस महीने दो सड़क हादसे हो चुके हैं. जिसमे तीन लोग जख्मी हुए थे. साथ ही एक पशुपालक के जीवन का सहारा एक मवेशी बुरी तरह से घयाल हो गया था.
एक माह में नौ हादसे
जिले के सोनो थाना क्षेत्र के बटिया घाटी, पंचपहाड़ी, बेलाटांड़ व पैलवाजन जैसे दुर्घटना के लिहाज से ब्लैक स्पॉट के रूप में बदनाम जगहों पर यूं तो आये दिन दुर्घटना होते रहती है. लेकिन हाल के दिनों में यहां सड़क हादसे जिस रफ्तार से बढ़ रहे है उससे प्रशासनिक तंत्र को चिंता हो या न हो लेकिन आम लोगो काफी चिंतित है. सर्वाधिक दुर्घटनाएं थाना क्षेत्र के एनएच 333 पर हो रही है. इस मुख्य सड़क पर पिछले एक माह में हुए सड़क दुर्घटनाओं को देख जाये तो स्पष्ट होता है कि दुर्घटनाओं में किस प्रकार तेजी हुई है. गत एक माह में ही सोनो-चकाई मुख्य मार्ग पर एक दर्जन दुर्घटनाएं हुई है जिसमे नौ दुर्घटनाओ का रिकॉर्ड दर्ज है. जिसमें पिछले तीन दिनों में तीन कांवरिया वाहन के दुर्घटना भी शामिल है. जिसमे एक कि मौत हुई थी व पांच दर्जन से भी अधिक कांवरिया घायल हुए थे.
सोनो में कब-कब हुई दुर्घटनाएं
1. सोमवार 31 जुलाई को चिरेन पुल पर एक अनियंत्रित ट्रक ने दो कांवरिया वाहन को ठोकर मारा जिसमे एक सूमो वाहन पुल के नीचे जा गिरा.इसमे ग्यारह कांवरिया घायल हुए.
2. बीते 29 जुलाई की रात्रि सोनो के समीप पैलवाजन पुल से नीचे जा गिरे एक कांवरियों बस के कारण एक महिला की मृत्यु व चार दर्जन कांवरिया घायल हुए थे.
3. 29 जुलाई की रात्रि 12 बजे एक अन्य कांवरिया बस बेलाटांड़ पुल से नीचे जा गिरा जिसमे तीन कांवरिया घायल हुए थे.
4 बीते 21 जुलाई को इसी बेलाटांड़ पुल से नीचे यात्रियों से भरे एक ऑटो के गिर जाने से दो महिला समेत तीन घायल हुए थे.
5. राजपुर लिफ्ट के समीप 13 जुलाई को एक अनियंत्रित ट्रक एक घर के दीवाल को तोड़ते हुए बरामदे में जा घुसा था.
6. बीते 8 जुलाई को औरैया रक्सा के समीप पहले से खड़ी एक ट्रक में सामने से आ रहे एक ट्रक ने ठोकर मारा जिससे ट्रक चालक घायल हो गया था.
7. बीते 30 जून को राजपुर लिफ्ट के समीप एक बाइक सवार को 407 वाहन ने ठोकर मारा था जिससे बाइक सवार घायल हुए.
8. राजपुर लिफ्ट पर ही बीते 26 जून को एक बाइक की चपेट में आने से घायल साइकिल सवार की मौत इलाज के दौरान हो गयी थी.
9. बीते 28 जून को सोनो-झाझा के बीच भीठरा गांव में एक अनियंत्रित ट्रक मवेशियों के गोहल में जा घुसा जिसमे पांच मवेशियों की मौत हो गयी जबकि एक मवेशी गंभीर रूप से घायल हुए था.
सुझाव :
सड़क की यथाशीघ्र मरम्मती कराया जाना.
सभी ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उस स्थान पर रेडियम युक्त बोर्ड लगाना.
सभी खतरनाक मोड़ पर रेडियम युक्त बोर्ड लगाना.
प्रसाशनिक सजगता और पुलिसकर्मियों की तैनाती.
जंगली रास्तों पर दिशासूचक बोर्ड लगाया जाना.
अगर बात इससे पूर्व के दुर्घटनाओं के बारे में की जाय तो बटिया घाटी के चिरेन पुल पर 2017 की शुरुआत से ही दुर्घटनाओं का दौर चलता रहा है.उस वक्त स्थिति ऐसी बन रही थी कि इस पुल पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही थी. टूटे सड़क व वाहन के गति पर नियंत्रण नही होने से ऐसी दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है.

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