जमुई : सूबे में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने व बच्चों को अच्छी शिक्षा मुहैया कराने को लेकर सरकार द्वारा नित नये कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन, इन सब के बावजूद कई ऐसे भी सरकारी विद्यालय हैं जिन तक इन वादों का असर नहीं पहुंच पाता. कुछ गांव तो एसे भी हैं, जहां विद्यालय […]
जमुई : सूबे में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने व बच्चों को अच्छी शिक्षा मुहैया कराने को लेकर सरकार द्वारा नित नये कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन, इन सब के बावजूद कई ऐसे भी सरकारी विद्यालय हैं जिन तक इन वादों का असर नहीं पहुंच पाता. कुछ गांव तो एसे भी हैं, जहां विद्यालय के लिए सरकारी भवनों का निर्माण कर दिये जाने के बावजूद स्कूल का सही तरीके से संचालन नहीं हो पाता.
कहीं गुरुजी की मनमानी के कारण बच्चे पढ़ाई से विमुख रह जाते हैं. जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां के बच्चे पढ़ाई करना तो चाहते हैं, लेकिन भवन नहीं होने के कारण वह पढ़ाई से दूर हो गये हैं. किसी तरह एक भवन में विद्यालय का संचालन किया भी जा रहा था, परंतु बीती रात वह भी ढह गया. और इस भवन के साथ ही देश के भविष्य के सपने ढह गये.
मामला है जिले के खैरा प्रखंड अंतर्गत दानसिंहडीह गांव के महादलित बस्ती का. जहां विद्यालय भवन नहीं होने के कारण एक अंबेडकर भवन में विद्यालय का संचालन किया जाता था. लेकिन, जर्जर स्थिति में पहुंच चुके उस भवन के रविवार देर रात ध्वस्त हो जाने से बच्चों की शिक्षा की आखिरी उम्मीद भी धराशायी हो गयी. इस बाबत ग्रामीण उपेंद्र दास, नंदलाल दास, अनिल दास, कार्तिक दास, धर्मेंद्र दास सहित दर्जनों ग्रामीण ने बताया कि गांव के महादलित मोहल्ले में रहने वाले बच्चों के लिए विद्यालय की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण एक निर्माणाधीन अंबेडकर भवन में विद्यालय का संचालन बीते 7-8 वर्षों से किया जा रहा था. उस भवन का निर्माण 25 साल पहले किया गया था व निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका था. बावजूद इसके ग्रामीणों के आपसी सामंजस्य से भवन में विद्यालय संचालन कराया जा रहा था. लेकिन, जर्जर स्थिति में पहुंच जाने के कारण रविवार रात वह भवन धराशायी हो गया. गनीमत यह थी कि घटना उस वक्त हुई जब विद्यालय का संचालन नहीं किया जा रहा था. यदि कक्षा संचालन के समय में घटना घटी होती तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था. पता नहीं कितने मासुमों की जानें जा सकती थीं. बताते चलें कि गांव के बच्व्हों को समुचित शिक्षा देने के लिये सरकार द्वारा नवीन प्राथमिक विद्यालय दानसिंहडीह की स्थापना की की गयी थी. परंतु विद्यालय के पास अपना भवन नहीं होने के कारण विद्यालय का संचालन जर्जर अंबेडकर भवन में किया जा रहा था. लेकिन, रविवार रात उक्त भवन के जमींदोज हो जाने के बाद अब बच्चों के समक्ष शिक्षा प्राप्त करने को लेकर बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया है.
लोगों ने लगायी गुहार
बच्चों की शिक्षा को लेकर ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द विद्यालय भवन निर्माण कराए जाने की मांग की है. बताते चलें कि जिले में 1664 प्रारंभिक विद्यालय के एवज में 138 विद्यालयों के पास अपना भवन नहीं हैं.
दानसिंहडीह गांव की महादलित बस्ती में स्कूल नहीं होने से अंबेडकर भवन में होती थी पढ़ाई
25 साल पुराना जर्जर भवन रविवार की रात हुई धराशायी, पढ़ाई बाधित