जमुई (सोनो), प्रतिनिधि : बिहार में जमुई के कई थाना क्षेत्र व गिरिडीह के समीपवर्ती क्षेत्र का लाल आतंक नक्सली एरिया कमांडर सुरंग यादव सोमवार को विधिवत आइजी अभियान कुंदन कृष्णन व सीआरपीएफ आइजी एमएस भाटिया सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. चरकापत्थर थाना के समीप जिला पुलिस, सीआरपीएफ व एसएसबी के संयुक्त प्रयास से सामाजिक चेतना अभियान उड़ान के तहत आयोजित एक बड़े कार्यक्रम में सुरंग ने आइजी द्वय के समक्ष अपने को सरेंडर करते हुए समाज की मुख्य धारा में वापस आने व शांतिपूर्ण जीवन जीने की अपनी इच्छाशक्ति दुहरायी.
इस दौरान उसके साथ मंच पर उसके वृद्ध पिता अयोध्या यादव, उसकी पत्नी गुगली देवी, उसके दो पुत्र कुंदन व पवन भी थे. आइजी ने उसके समर्पण का स्वागत करते हुए उसके सरेंडर के इस फैसले की प्रशंसा की व क्षेत्र के भटके नक्सली युवकों से समाज की मुख्य धारा से वापस जुड़ने की अपील की. सुरंग ने अपने संबोधन में कहा कि नक्सल संगठन से किसी समाज का विकास संभव नहीं है, बल्कि इस विचारधारा से विकास अवरुद्ध होता है. संगठन से जुड़ कर अपने द्वारा किये गये कार्यों पर उसे पश्चाताप भी है.
उसने कहा कि नक्सली कार्यों के दौरान काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. हमेशा जान जोखिम में रख कर कार्य करना होता है. उसने कहा कि इस दौरान उसने अपने घर परिवार पर ध्यान नही दे पाया. अपने कारण पूरे परिवार व समाज को आहत किया. इस दौरान बच्चे शिक्षा से वंचित रहे. सरेंडर के बाद उसके चेहरे पर संतोष के भाव साफ दिख रहे थे जबकि परिजन भी खुश नजर आ रहे थे. इस क्षेत्र के आतंक सुरंग की एक झलक पाने को लेकर आसपास के ग्रामीणों की बड़ी भीड़ कार्यक्रम में उपस्थित थे.
इस मौके पर आइजी ने कहा कि सरेंडर को लेकर बिहार सरकार की नीतियों के तहत तमाम फायदे सुरंग व उसके परिवार को मिलेंगे. साथ ही इनाम की राशी भी उसके परिवार को दे दी जायेगी. बता दें कि सुरंग पर बिहार सरकार द्वारा 50 हजार का इनाम रखा गया था, जबकि झारखंड सरकार में इस पर 50 हजार का इनाम का प्रस्तावित था. आइजी द्वय ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट मैसेज दिया कि आने वाले कुछ ही दिनों में यह इलाका नक्सल से मुक्त होगा. उन्होंने यहां के ग्रामीणों से अपील किया कि आप अपने बच्चों को शिक्षित करें व माओवादियों के चंगुल में उसे नही फंसने दें.
उन्होंने कहा कि जो माओवादी समाज में वापस आना चाहते हैं, उनका स्वागत है और जो नहीं आयेंगे उनका अंत निश्चित है. माओवादियों को पनाह देने वाले व उनसे संसर्ग रखने वालों पर भी कार्रवाई की बात कही गयी. सुरंग के सरेंडर कराने में उसके पिता व उसकी पत्नी की अहम योगदान को लेकर दोनों की सराहना की गयी.
बताते चलें कि सुरंग यादव ने स्थानीय पुलिस के समक्ष शनिवार को ही आत्मसमर्पण कर दिया था. शनिवार व रविवार दोनों दिन उससे गहन पूछताछ होती रही. इस बीच सुरंग को लेकर जहां पुलिस मौन रही वहीं मीडिया व क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा. दोनों आइजी के अलावे मौके पर सीआरपीएफ के डीआइजी एमएस मल्ल, सीआरपीएफ के कमांडर अम्ब्रेस कुमार, जमुई एसपी जयंतकान्त, जमुई एएसपी अभियान डीएन पाण्डेय, एसएसबी 16वीं बटालियन के सेकेण्ड इन कमांड एन के टेमटा, एसएसबी के डिपुटी कमान्डेंट डा. सुमित सुपारकर व एसएस चौहान, एसएसबी चरकापत्थर के सहायक कमांडेंट संतोष कुमार, सीआरपीएफ बटिया के सहायक कमांडेंट धर्मेंद्र कुमार, 215 वीं बटालियन की सहायक कमांडेंट मोनिका डी साल्वे के अलावे झाझा डीएसपी बिनोद राउत, चरकापत्थर थानाध्यक्ष दीपक कुमार, चंद्रमंडीह थानाध्यक्ष विजय कुमार यदुवेंदु सहित कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे.
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