सहकारिता विभाग ने पैक्स में गड़बड़झाला की संभावना को देखते हुए शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कार्रवाई की जद में पैक्स के आठ पूर्व अध्यक्ष और प्रबंधक आ गये हैं. इन पर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई चल रही है.
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शिकंजा. आठ पैक्स में गड़बड़ी को लेकर विभाग गंभीर
सहकारिता विभाग ने पैक्स में गड़बड़झाला की संभावना को देखते हुए शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कार्रवाई की जद में पैक्स के आठ पूर्व अध्यक्ष और प्रबंधक आ गये हैं. इन पर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई चल रही है. गोपालगंज : पैक्स का चुनाव हुए एक साल से अधिक हो गया. आठ ऐसे […]
गोपालगंज : पैक्स का चुनाव हुए एक साल से अधिक हो गया. आठ ऐसे पैक्स हैं जिनके पूर्व अध्यक्ष चुनाव हारने के बाद प्रभार नहीं दे रहे हैं. प्रभार नहीं देने के कारण संबंधित पैक्स का काम ठप है. चुनाव जीत कर आये पैक्स के अध्यक्ष प्रभार को लेकर पिछले एक साल से विभाग का चक्कर लगा रहे हैं. ऐसे पैक्स में व्यापक धांधली की संभावना को देखते हुए सहकारिता विभाग गंभीर हुआ है.
इन चिह्नित पैक्स अध्यक्षों पर प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी चल रही है. इस बीच डीसीओ बबन मिश्र ने अंतिम चेतावनी देते हुए पैक्स अध्यक्षों को तीन दिनों के भीतर अपना प्रभार बीसीओ के समक्ष निर्वाचित अध्यक्ष को सौंपने का निर्देश दिया है. अगर ये प्रभार नहीं सौंपते हैं, तो इन पर एफआइआर की जायेगी. विभाग को आशंका है कि इन पैक्स में बड़े पैमाने पर धांधली की गयी है जिसके कारण रेकॉर्ड को नये अध्यक्ष को नहीं दिया जा रहा, ताकि पिछली गड़बड़ी पर परदा पड़ी रहे. प्रभार मिलते ही पूर्व पैक्स अध्यक्ष के कार्यकाल का गड़बड़ी सामने आ सकती है.
कार्रवाई की जद में आये अध्यक्ष व प्रबंधक
कार्रवाई की जद में हैं पैक्स
सदर प्रखंड की जादोपुर दुखहरण पैक्स के पूर्व अध्यक्ष, भोरे की डोमनपुर पैक्स, कुचायकोट के सिरिसिया, संगवहा डीह, भोपतापुर, ढ़ोढ़वलिया, मटिहनिया तिवारी, विजयीपुर प्रखंड के मझवलिया, बरौली के कल्याणपुर पैक्स कार्रवाई की जद में हैं. इन पैक्स में कई ऐसे पैक्स हैं जिसके अध्यक्ष और प्रबंधक दोनों पर कार्रवाई हो सकती है. विभाग अंतिम चेतावनी के बाद इनके प्रभार नहीं देने का इंतजार कर रहा है.
प्रभार के पेच में फंसा
है ऑडिट
पूर्व अध्यक्षों के द्वारा प्रभार नहीं सौंपने के कारण कई पैक्स में ऑडिट नहीं हो सका है. ऑडिट नहीं होने से पैक्स के कार्यों की जानकारी विभाग को उपलब्ध नहीं हो पा रही है. ऑडिट के मामले में अद्यतन करने के लिए हर स्तर विभाग की तरफ से सतर्कता बरती जा रही है. पैक्स का ऑडिट कराने से ही की गयी धांधली उजागर होगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
पूर्व पैक्स अध्यक्षों को अंतिम नोटिस भेजा गया है. अगर इनके द्वारा प्रभार नहीं सौंपा गया तो निर्धारित तिथि के बाद प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी और उस पर कार्रवाई भी होगी.
बबन मिश्र, डीसीओ, गोपालगंज
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