बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं की टीम कटाव की स्थिति की जानकारी लेती हुई.
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गंडक का कटाव रोकने के लिए बुलायी गयीं चार टीमें
बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं की टीम कटाव की स्थिति की जानकारी लेती हुई. बाढ़ नियंत्रण विभाग ने कालामटिहनिया को किया अतिसंवेदनशील घोषित कालामटिहनिया : गंडक नदी का कटाव कालामटिहनिया में बेकाबू होते देख बाढ़ नियंत्रण विभाग ने इसे अतिसंवेदनशील घोषित करते हुए चार और अभियंताओं की टीम को तैनात किया है. विभाग ने कटाव […]
बाढ़ नियंत्रण विभाग ने कालामटिहनिया को किया अतिसंवेदनशील घोषित
कालामटिहनिया : गंडक नदी का कटाव कालामटिहनिया में बेकाबू होते देख बाढ़ नियंत्रण विभाग ने इसे अतिसंवेदनशील घोषित करते हुए चार और अभियंताओं की टीम को तैनात किया है. विभाग ने कटाव रोकने के लिए अंतिम ताकत लगा दी है. विभाग के द्वारा अब तक कराये गये बचाव कार्य को नदी अपनी आगोश में ले चुकी है. विशंभरपुर में कटाव से थोड़ी राहत मिली है. कालामटिहनिया के वार्ड नंबर तीन, छह और दस में कटाव इतना तेज हो गया है
कि लोग अपने घरों को तोड़ रहे हैं. स्थिति की भयावहता को देखते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग ने सीवान के दो प्रमंडल, मढ़ौरा तथा भोरे प्रमंडल की चार टीमों को बुला लिया है. मंगलवार को कार्यपालक अभियंता नागमणि, आरके शाही, राधेश्याम शाही तथा नवलकिशोर सिंह ने बचाव कार्य पर गहन मंत्रणा की. बाढ़ एक्सपर्ट मुरलीधर सिंह, श्याम प्रसाद, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष मो अब्दुल हमीद के साथ घंटों योजना बनाने के बाद यहां बचाव कार्य शुरू किया गया. इलाके के लोगों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है. हालांकि पिछले एक सप्ताह से मुख्य अभियंता गूंजा लाल राम, अधीक्षण अभियंता जितेंद्र कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता शरद कुमार की टीम यहां कैंप कर बचाव कार्य में जुटी है.
कटाव ने उड़ायी लोगों की नींद : गंडक नदी तेजी से कुर्मटोला, धानुकटोला, कोहारटोला तथा दलित बस्ती की तरफ बढ़ रही है. यहां लगभग 13 सौ परिवारों पर खतरा बढ़ा हुआ है. लोग अपने सामान को समेटने में लगे हुए हैं. कटाव इतना भयंकर है कि अगले 24 घंटे में नदी इनके घरों तक पहुंच सकती है. उधर, विशंभरपुर में ठाकुर टोला, फील्ड के गांव, +2 स्कूल भवन के पास नदी पहुंच चुकी है.
रास्ते के अभाव में मुश्किल में जिंदगी
कालामटिहनिया तथा विशंभरपुर पंचायतों के एक दर्जन गांव नदी के निशाने पर हैं. कालामटिहनिया में नदी का सीधा अटैक है. इसे देखते हुए लोगों की जिंदगी मुश्किल में है. अपने सामान को लेकर ये सुरक्षित स्थल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. डीएम राहुल कुमार यहां की परिस्थिति को देख चुके हैं. उन्होंने रास्ते को दुरुस्त करने का आदेश दिया था. अब तक मनरेगा से सड़क दुरुस्त नहीं हो सका जिसके कारण यहां से लोगों का सामान सुरक्षित स्थल तक नहीं पहुंच पा रहा है. लोगों में रास्ते को लेकर आक्रोश व्याप्त है.
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