गोपालगंज : गंडक नदी तेजी से आबादी की ओर बढ़ रही है. कुचायकोट प्रखंड के विशंभरपुर तका कलामटिहिनिया गांव के समीप नदी का कटाव बेकाबू हो गया है. पांच गांव नदी के निशाने पर आ गये हैं. कटाव से गांव के लोगों की नींद हराम हो गयी है. हर पल नदी तेजी से कटाव कर अपनी विनशकारी रूप धारण करने को उतावली दिख रही है. यहां के ग्रामीण संभावित तबाही को देख अपने घरों के सामान आदि समेटने में जुट गये हैं. ग्रामीणों का मानना है कि जिस तरह नदी का कटाव हो रहा है
उससे कलामटिहिनिया विशंभरपुर, खेममटिहिनिया, टाड़पर, हजामटोली, फुलवरिया आदि गांवों के अस्तित्व पर खतरा है. यहां के लगभग 10 हजार की आबादी विस्थापित हो सकती है. कटाव को रोकने के लिए प्रशासन के स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. गांव के दुर्गा सिंह की माने तो वर्ष 2014 में आयी बाढ़ और कटाव से पांच गांव के लोग विस्थापित हो चुके हैं. आज तक इन विस्थापितों को बसने के लिए कोई ठिकाना नहीं मिला. इस बार कटाव को समय रहते नहीं रोका गया तो आधा दर्जन गांव का अस्तित्व मिट सकता है. उधर बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता शरद कुमार ने बताया कि गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज से शाम चार बजे का डिस्चार्ज महज 60 हजार क्यूसेक है. इसके कारण नदी बिल्कुल पेट में है, जबकि कटाव के संबंध में उन्होंने अनभिज्ञयता जाहिर की.