कुचायकोट : महंगाई की मार ने लोगों को बेहाल कर दिया है. गरमी के मौसम में खाद्य सामग्री की कीमत एक बार फिर बढ़ने लगी है. कीमत में हो रही लगातार वृद्धि के कारण आम लोग परेशान हैं. बजट बिगड़ रहा है.
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खाद्य सामग्री की कीमत बढ़ने से बिगड़ा बजट
कुचायकोट : महंगाई की मार ने लोगों को बेहाल कर दिया है. गरमी के मौसम में खाद्य सामग्री की कीमत एक बार फिर बढ़ने लगी है. कीमत में हो रही लगातार वृद्धि के कारण आम लोग परेशान हैं. बजट बिगड़ रहा है. पहले सरसों तेल की कीमत बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ, लेकिन आज दाल, […]
पहले सरसों तेल की कीमत बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ, लेकिन आज दाल, चावल, चीनी व आटा सहित अन्य दैनिक सामान की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं. आंकड़ों की मानें, तो पिछले एक साल में दाल की कीमत दोगुनी व सरसों तेल की कीमत डेढ़ गुनी तक बढ़ी है. सामान की कीमत पर नियंत्रण के लिए सरकारी स्तर पर कोई भी प्रयास नहीं किये जाने के कारण खाद्य सामान की कीमत में प्रतिदिन इजाफा हो रहा है.
यह स्थिति मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने की दिशा में प्रयास नहीं होने के कारण समझी जा रही है. लोगों का कहना है कि रोजमर्रे की चीजों की कीमत बढ़ने से मध्यम वर्ग व गरीब वर्ग के लोगों का बजट बिगड़ता जा रहा है. लागातर खाद्य सामान की कीमत बढ़ने से गृहिणियां सबसे अधिक परेशान हैं. कुचायकोट की सुनीता देवी बताती हैं कि 20 रुपये किलो बिकनेवाला साधारण आटा अब 24 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है. भठवा की निशा रानी कहती हैं कि पहले दाल व सरसों तेल की ही कीमत बढ़ी थी. अब तो हरेक सामान की कीमत रुला रही है.
आखिर कीमत पर नियंत्रण क्यों नहीं होता. इसी प्रकार प्रखंड की गीता व मंजु भी सामान की बढ़ी कीमतों को लेकर परेशान हैं. पिछले पांच माह में चीनी की कीमत प्रति किलोग्राम 10 रुपये तक बढ़ी है. अगले कुछ दिनों में इसकी कीमत और बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है. चीनी की कीमत जनवरी के प्रथम सप्ताह में प्रति किलो 30 रुपये थी. आज पांच माह के बाद इसकी कीमत 10 रुपये प्रति किग्रा बढ़ चुकी है. उधर, चीनी के थोक कारोबारियों की मानें, तो इसकी कीमत अगले माह के अंत तक दो रुपये और बढ़ सकती है.
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