गोपालगंज : प्याज के उलट लहसुन के भाव टाइट हैं. लहसुन की तेजी इसलिये चौंकानेवाली है क्योंकि अमूमन जब इसमें मंदी रहती है उसी समय इसकी चाल में तेजी आ गयी. प्रवृत्ति के अनुसार गरमी में मांग घटने से लहसुन के दाम टूटते हैं, पर इस बार सर्वाधिक गरम महीनों में शुमार मई के अंत में ही साइज और गुणवत्ता के अनुसार लहसुन के दाम क्रमश: बढ़ते-बढ़ते 6000 से 10000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गये.
जून में भी यह तेजी बरकरार है. खास बात यह है कि ये तेजी चार हफ्तों के दौरान ही आयी है. बारिश के साथ मौसम नरम होने और रमजान में मांग से भाव अभी और बढ़ सकते हैं. थोक कारोबारी राजेश गुप्ता बताते हैं कि इस साल चीन में फसल खराब है. लिहाजा पड़ोस के जिन देशों में चीन का लहसुन जाता है, उनमें भारतीय लहसुन की मांग बढ़ी है. बारिश में किसान और व्यापारी फसल का भंडारण भी करते हैं.