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अन्नकूट के साथ की गोवर्धन पूजा आज

अन्नकूट के साथ की गोवर्धन पूजा आजयुवतियों ने घर के आगे गोबर से बनायी आकृतिभगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर नवाया शीष फोटो-12संवाददाता, गोपालगंजसनातन धर्म में कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा यानी दीपावली के अगले दिन प्रात:काल घर के बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन बना कर पूजन की गयी. युवतियों और महिलाओं ने भगवान श्रीकृष्ण की याद […]

अन्नकूट के साथ की गोवर्धन पूजा आजयुवतियों ने घर के आगे गोबर से बनायी आकृतिभगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर नवाया शीष फोटो-12संवाददाता, गोपालगंजसनातन धर्म में कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा यानी दीपावली के अगले दिन प्रात:काल घर के बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन बना कर पूजन की गयी. युवतियों और महिलाओं ने भगवान श्रीकृष्ण की याद में गाय के गोबर से आकृति बना कर उस पर अन्न से पूजन किया. ऐसी मान्यता है कि गोवर्धन पूजा करनेवाले परिवार को पूरे वर्ष अन्न और धन की कमी नहीं होती है. शहर हो या गांव हर तरफ गोवर्धन पूजा काफी धूम है. धर्मशास्त्र में गोवर्धन को शिखर युक्त वृक्षा शाखादि से संयुक्त और पुष्पादि से सुशोभित कर अनेक स्थानों पर इसे मनुष्य के आकार का बना कर भी पुष्पादि से सजाया गया है. संयुक्त विधानअन्नकूट से गोवर्धन पूजा संयुक्त उत्सव है. प्राचीन काल में ब्रज के नर-नारी अनेक पदार्थों से इंद्र का पूजन करते थे. उन्हें नाना प्रकार के रसों से परिपूर्ण 56 भोग और 36 व्यंजनों को भोग लगाते थे. श्रीकृष्ण बाल्यावस्था में ही इंद्र की पूजा को निषिद्ध बता कर गोवर्धन का पूजन व स्वयं ही दूसरे स्वरूपों से गोवर्धन बना कर अर्पण हुए. संपूर्ण सामग्री का भोग लगाया. यह देख कर इंद्र ने ब्रज पर प्रलय करने वाली वर्षा की. श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को हाथ पर उठा कर ब्रजवासियों को इसके नीचे सुरक्षित किया. तभी से कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा अन्नकूट मनाने की परंपरा चली आ रही है.

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