गोपालगंज : लोकतंत्र के पर्व का जश्न गांव से शहर तक है. इस जश्न के बीच किसान आंसू बहा रहे हैं. मॉनसून ने किसानों को दगा दे दिया और सरकार की ओर से मिलनेवाली डीजल सब्सिडी चुनाव आदर्श आचार संहिता के पेंच में फंस गयी है. ऐसे में किसान अपनी फसलों को बचाये कैसे यह समस्या उत्पन्न हो गयी है.
किसानों के अरमान खेतों में झुलस रहे हैं. जुलाई-सितंबर को सबसे कम बारिशजुलाई और सितंबर में इस वर्ष सबसे कम बारिश हुई. सितंबर में जहां 222 मिमी बारिश की आवश्यकता थी, वहीं मात्र 30.5 मिमी बारिश हुई. नतीजतन खेतों में दरारें पड़ गयी हैं और धान के पौधे 60 फीसदी से अधिक झुलस गये हैं.
डीजल सब्सिडी पाने के लिए 96137 किसानों ने आवेदन किया, जिनमें मात्र 46186 किसानों को इसका लाभ मिला है. शेष किसान अनुदान की बाट जोह रहे हैं. आदर्श आचार संहिता के पेज में डीजल सब्सिडी वितरण पर लगा दी गयी है. विभाग में पड़ी है 37 लाख की राशि डीजल सब्सिडी के रूप में विभाग के पास अब भी 37 लाख की राशि पड़ी है. इस राशि से 12333 एकड़ भूमि की सिंचाई की जा सकती है,
लेकिन चुनावी पेज में वितरण एक पखवारे से बंद है. एक नजर में डीजल अनुदान की स्थिति धान की कुल खेती – 86000 हेक्टेयर डीजल अनुदान के लिए प्राप्त आवेदन – 96137अनुदान प्राप्त आवेदन की संख्या – 46186वंचित आवेदनों की संख्या – 49951सब्सिडी मद में कुल प्राप्त राशि – 2.42 करोड़ कुल वितरित राशि – 20524276 रुपये वर्षा एक नजर में अक्तूबर – 00 मिमी सितंबर – 30.3 मिमीअगस्त – 290.3 मिमीजुलाई – 176.8 मिमीक्या कहता है कृषि विभाग मौसम किसानों के प्रतिकूल है. डीजल सब्सिडी के लिए पर्याप्त किसानों ने आवेदन किया. इनमें 48 फीसदी के बीच वितरित भी किया जा चुका है.
फिलहाल निर्देश के अभाव में वितरण बंद है. विभागीय आदेश होता है, तो वितरण शुरू किया जायेगा. डाॅ वेदनारायण सिंह, डीएओ (फोटो नाम से फोल्डर में है)