28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चुनाव के शोर में दब गया गन्ना किसानों का दर्द

चुनाव के शोर में दब गया गन्ना किसानों का दर्द चीनी मिलों में भुगतान नहीं होने से सांसत में हैं किसानविधानसभा चुनाव में किसानों की चर्चा भी गायबगोपालगंज विस क्षेत्रचुनावी मुद्दाफोटो-16,17,18गोपालगंज. यूपी के बॉर्डर पर स्थित गोपालगंज जिले का इलाका गनांचल के नाम से जाना जाता है. अपनी दुर्दशा के कारण किसान पूरी तरह से […]

चुनाव के शोर में दब गया गन्ना किसानों का दर्द चीनी मिलों में भुगतान नहीं होने से सांसत में हैं किसानविधानसभा चुनाव में किसानों की चर्चा भी गायबगोपालगंज विस क्षेत्रचुनावी मुद्दाफोटो-16,17,18गोपालगंज. यूपी के बॉर्डर पर स्थित गोपालगंज जिले का इलाका गनांचल के नाम से जाना जाता है. अपनी दुर्दशा के कारण किसान पूरी तरह से इस व्यवस्था से तंग आ चुके हैं. विधानसभा चुनाव के शोर में इनका दर्द दब कर रह गया है. वोट के सौदागरों ने किसानों के दर्द को गायब कर दिया है. वोट में सिर्फ जाति और धर्म के नाम पर गोलबंदी की जा रही है. इस गोलबंदी से किसान मायूस हैं. उनकी मायूसी के पीछे गन्ने का भुगतान नहीं होना है. गन्ना किसानों में इस चुनाव के प्रति कोई उत्साह नहीं है. किसान आहत हैं कि उनकी बात सुनने को कोई तैयार नहीं है. चीनी मिल भुगतान करने को तैयार नहीं है. नेताजी को फुरसत नहीं कि किसानों की आवाज को उठाये. बड़े नेता भी चुप्पी साधे हुए हैं. यूपी में गन्ना किसानों का दर्द लोकसभा चुनाव में निर्णायक साबित हुआ. लेकिन, गोपालगंज के इस विधानसभा चुनाव में गन्ना किसानों की बात तक करने का किसी को वक्त नहीं है. किसान भुगतान के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं. सबसे बुरी स्थिति सासामुसा चीनी मिल की है, जहां प्रतिदिन मात्र एक लाख रुपये का भुगतान किसानों को दिया जा रहा है. जबकि अन्य चीनी मिलों ने किसानों के शादी-विवाह और बड़ी जरूरतों पर भुगतान किया है. यहां तो डीएम के आदेश के बाद भी किसानों को भुगतान नहीं किया जा रहा है. एक नजर में भुगतानचीनी मिल का नाम गन्ना मूल्य अब तक भुगतान बकायाभारत शूगर मिल, सिधवलिया 12770.71 लाख 11318.8 लाख 1452.63 लाखविष्णु शूगर मिल, गोपालगंज 9522.33 लाख 7531.96 लाख 1990.37 लाखसासामुसा चीनी मिल 4516.05 लाख 3079.05 लाख 1437.00 लाखक्या कहते हैं किसानगन्ना गिराने के बाद से ही भुगतान के लिए चीनी मिल का चक्कर लगा रहे हैं. चीनी मिल भुगतान देने को तैयार नहीं है. गन्ने का भुगतान नहीं मिलने से खेती तो दूर घर के अन्य कार्य भी ठप पड़े हैं. गन्ने के पैसे से ही घर का चूल्हा जलता है. समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें.फोटो-14, विपिन बिहारी दुबे, इसुआपुरक्या कहते हैं विधायकचीनी मिल के द्वारा भुगतान नहीं किये जाने के मामले में सदन में उठाया गया था. सरकार ने चीनी मिल को पैकेज भी दिया है. उसके बाद भी भुगतन नहीं होना काफी खेद की बात है. मैं अपने स्तर से भुगतान के लिए मिल प्रबंधन से बात कर किसानों को भुगतान कराऊंगा. फोटो-15, अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय, विधायक

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें