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नहीं बख्शे जायेंगे छोटे करदाता

अब ऑडिट के दायरे में होंगे छोटे करदाताआयकर की चोरी रोकने के लिए कड़ा रुखसंवाददाता, गोपालगंज लगता है आयकर के नक्शेकदम अब सेवाकर विभाग भी चल पड़ा है. छोटे करदाताओं में अधिक संभावनाओं को देखते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीइसी) ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिसके तहत एक अगस्त से ऑडिटिंग करने […]

अब ऑडिट के दायरे में होंगे छोटे करदाताआयकर की चोरी रोकने के लिए कड़ा रुखसंवाददाता, गोपालगंज लगता है आयकर के नक्शेकदम अब सेवाकर विभाग भी चल पड़ा है. छोटे करदाताओं में अधिक संभावनाओं को देखते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीइसी) ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिसके तहत एक अगस्त से ऑडिटिंग करने की व्यवस्था की जायेगी. बीते दिनों आयकर विभाग भी छोटे करदाताओं में टैक्स की अधिक संभावनाओं की मंशा को जाहिर कर चुका है. सीए आशुतोष त्रिपाठी का कहना है कि इसका मकसद कर चोरी को रोकना है. कारण अभी तक बड़े सेवा करदाता ही ऑडिट के दायरे में थे, जबकि छोटे करदाताओं पर यह मान्य नहीं था. जांच उन करदाताओं की होगी जिनका वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान भुगतान कर की राशि 50 लाख रु पये से कम होगी.तीन कैटेगरी में बांटे करदातासालाना कितने टर्नओवर वाले करदाता होने चाहिए, इसे तीन कैटेगरी में बांटा गया है. 10 लाख तक, 10 से 25 लाख व 25 से 50 लाख रु पये.ये आयेंगे दायरे मेंजांच के दायरे में सेवा प्रदान करनेवाले प्रमुख रूप से होंगे कूरियर एजेंसी, कंपनी सेक्रेटरी, चाटर्ड एकाउंटेंट, शेयर ब्रोकर्स, छोटे रेस्टोरेंट आदि.छोटे करदाताओं में टैक्स की संभावना को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. एक अगस्त से इस पर पालन किया जाना है.

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