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48 हजार छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, पढ़ाई बाधित
बढ़ी चिंता, कैसे पूरा होगा छात्रों का सिलेबस शिक्षकों की हड़ताल से स्कूलों में पठन-पाठन व्यवस्था पूरी तरह ठप है. इसे में छात्र-छात्राओं को चिंता सताने लगी है कि उनका सिलेबस कैसे पूरा होगा. सबसे ज्यादा परेशान 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को है. 10वीं में आने के बाद अभी तक उनकी पढ़ाई भी शुरू नहीं […]
बढ़ी चिंता, कैसे पूरा होगा छात्रों का सिलेबस
शिक्षकों की हड़ताल से स्कूलों में पठन-पाठन व्यवस्था पूरी तरह ठप है. इसे में छात्र-छात्राओं को चिंता सताने लगी है कि उनका सिलेबस कैसे पूरा होगा. सबसे ज्यादा परेशान 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को है.
10वीं में आने के बाद अभी तक उनकी पढ़ाई भी शुरू नहीं हुई है. 2016 में उन्हें मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होना है, लेकिन हड़ताल की वजह से पाठ्यक्रम कैसे पूरा होगा,यह चिंता का विषय है.
गोपालगंज : सिलेबस कैसे पूरा होगा, परीक्षा में क्या हाल होगा, जैसे सवालों ने उन छात्रों को परेशान कर रख दिया है ,जो वर्ष 2016 में मैट्रिक की परीक्षा देंगे. हड़ताल का दूसरा माह शुरू हो गया है. यूं तो जिला के सभी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित है, लेकिन सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति उन विद्यार्थियों की है, जो इस वर्ष मैट्रिक में पढ़ रहे हैं.
10वीं कक्षा में जाने के बाद उनकी पढ़ाई का श्री गणोश भी नहीं हुआ है. गिने -चुने एक दो विद्यालयों को छोड़ दिया जाये, तो अधिकतर में ताले लटके हैं. इस वर्ष जिला के विभिन्न हाइस्कूलों में वर्ग दशम में 48 हजार के लगभग छात्र-छात्रएं नामांकित हैं. वर्ष 2016 में ये सभी मैट्रिक की परीक्षा देंगे. इनकी परीक्षा को मात्र दस माह ही रह गये हैं. 2016 में मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होनेवाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों की चिंता बढ़ गयी है.
हड़ताल की वजह से पठन-पाठन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. छात्र-छात्राओं को सिलेबस पूरा नहीं होने की चिंता सताने लगी है. ऐसे में ज्यादातर छात्र-छात्रएं कोचिंग और ट्यूशन की तलाश में लगे हैं.
70 फीसदी मैट्रिक में पढ़नेवाले छात्र कोचिंग और ट्यूशन पकड़ चुके हैं, वहीं 30 फीसदी जाने की तैयारी में हैं. इधर, हड़ताल के कारण छात्र जहां ज्ञान अजर्न के लिए पैसा खर्च करने को विवश हैं, वहीं कोचिंग संचालक और ट्यूशन पढ़ानेवालों की चांदी है.
क्या कहते हैं डीइओ
हड़ताल से छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई है. हड़ताल पर फैसला सरकार ले सकती है. हड़ताल टूटने के बाद सिलेबस पूरा कराने के लिए प्रयास किया जायेगा.
अशोक कुमार
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