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सदर अस्पताल में नहीं हैं जीवनरक्षक दवाएं
ओपीडी में हर रोज पांच सौ पहुंच रहे हैं मरीज गोपालगंज : सदर अस्पताल में जीवन रक्षक दवाएं नहीं हैं. दवा के बिना डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. महंगी दवाएं मरीजों को बाहर की दुकानों से खरीदनी पड़ रही हैं. अनुमंडल, रेफरल और पीएचसी में भी मरीजों को महत्वपूर्ण इंजेक्शन नहीं मिल रहा […]
ओपीडी में हर रोज पांच सौ पहुंच रहे हैं मरीज
गोपालगंज : सदर अस्पताल में जीवन रक्षक दवाएं नहीं हैं. दवा के बिना डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. महंगी दवाएं मरीजों को बाहर की दुकानों से खरीदनी पड़ रही हैं. अनुमंडल, रेफरल और पीएचसी में भी मरीजों को महत्वपूर्ण इंजेक्शन नहीं मिल रहा है.
दवा नहीं मिलने के कारण डॉक्टरों को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. सर्पदंश, ब्रेन हेमरेज आदि के इंजेक्शन एक सप्ताह से खत्म है.
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इंजेक्शन के लिए आये दिन मरीजों का हंगामा होता रहता है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने दवा उपलब्ध नहीं करायी. मौसम बदलने के कारण ओपीडी में हर रोज पांच से साढ़े पांच सौ मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं. मरीज शुल्क जमा कर चिकित्सक से दवा लिखवा कर निजी दुकानों से महंगे दामों पर दवा खरीदने को विवश हैं. गरीब तबके के मरीजों को इलाज कराने में सबसे अधिक परेशानी हो रही है. महंगी दवा नहीं खरीद पा रहे हैं. गुरुवार को मरीजों को बाहर की दुकानों से दवा खरीदनी पड़ी.
बंद पड़ी है जेनरिक दवा
मरीजों को सस्ते दर पर दवा मिले. इसके लिए सदर अस्पताल में तीन जेनरिक दवा दुकानें खुली. लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के कार्रवाई से महीनों से जेनरिक दवा दुकानें बंद पड़ी हैं. इसके कारण गरीब तबके के मरीजों को सब्सिडी की दवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
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