बोल्डर से पिचिंग कराने की मांग पर अड़े ग्रामीणबाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को झेलना पड़ रहा आक्रोशसंवाददाता, गोपालगंजगंडक नदी की धारा बदलने के कारण पतहरा में पिछले तीन साल से चल रही तबाही के बीच ग्रामीणों ने बचाव कार्य को रोक दिया. ग्रामीण यहां बोल्डर से पिचिंग कराने की मांग पर अड़े हुए हंै. उग्र ग्रामीणों के आक्रोश बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को झेलना पड़ा. फिर भी ग्रामीण काम कराने पर तैयार नहीं हैं. बता दंे कि पतहरा में तटबंध को बचाने के लिए 3.75 करोड़ की खर्च से जीवों बैग से पैकिंग कराने काम चल रहा था. ऐसे में ग्रामीणों का आरोप है कि हर साल विभाग के द्वारा बालू भर कर काम कराया जाता है. इसके कारण नदी का एक झटका भी वह नहीं रोक पाता और करोड़ों की राशि हर साल पानी में बह जाती है. अब बोल्डर से अगर पिचिंग नहीं करायी गयी, तो इस वर्ष निश्चित तौर पर बाढ़ की तबाही झेलनी पड़ेगी. वहीं, अधीक्षण अभियंता वासुकी नाथ प्रसाद ने बताया कि विभाग को पूरी स्थिति से अवगत करा दिया गया है. मैं सिताब दियारा में काम करा हूं. पतहरा में सबसे बेहतर सफल जीवों बैग से काम कराना होगा.
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पतहरा में बचाव कार्य को ग्रामीणों ने रोका
बोल्डर से पिचिंग कराने की मांग पर अड़े ग्रामीणबाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को झेलना पड़ रहा आक्रोशसंवाददाता, गोपालगंजगंडक नदी की धारा बदलने के कारण पतहरा में पिछले तीन साल से चल रही तबाही के बीच ग्रामीणों ने बचाव कार्य को रोक दिया. ग्रामीण यहां बोल्डर से पिचिंग कराने की मांग पर अड़े हुए हंै. […]
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