कुचायकोट : काला मटिहनिया में चारों तरफ से बाढ़ के पानी में घिरे हजारों लोगों के सामने पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. मजबूरी में प्रदूषित पानी पीने से कई लोग बीमारी की चपेट में हैं. अब तो यह पानी ही लोगों की जिंदगी के लिए जहर बन गया है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में इन दिनों यही हो रहा है. हफ्ते भर से पानी के बीच घिरे लोगों के सामने अजीब समस्या है कि पानी के बीच रहते हुए पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है. कहीं से कोई मदद न मिलने पर वह दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. इससे हेपेटाइिटस अर्थात पीलिया, डायरिया, पतली दस्त, टायफायड के साथ त्वचा संबंधी रोगों से लोग प्रभावित दिख रहे हैं.
मरीजों से पटे शहर के अस्पताल
दूषित पेयजल के कारण इस समय पीलिया व पेट के रोगियों की भरमार हो गई है. शहर के प्रमुख अस्पतालों में ऐसे रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 56 पेट के मरीज आये हैं. इसमें गंभीर अवस्था में 25 पीलिया व 23 पेट के रोगियों को भरती किया गया है.
उबाल कर पानी पीने की सलाह
अस्पताल के डा. विमल कुमार का कहना है कि घातक बीमारियों से बचने के लिए जागरूकता जरूरी है. इसमें पानी को उबालकर पीना सबसे कारगर तरीका है, 60 डिग्री के तापमान में पानी को उबालने से सारे वायरस मर जाते हैं और 100 डिग्री में बैक्टीरिया व पैरासाइट समाप्त हो जाते हैं. उबले पानी को ठीक से छानने के बाद उसे ठंडा करके पीने से काफी हद तक इन रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है.
क्लोरीन की गोली का करें प्रयोग
बीमारी से बचाव के लिए पीने के पानी में क्लोरीन की गोली का प्रयोग करें. एक बाल्टी पानी में एक क्लोरीन की गोली डालनी होती है. क्लोरीन की गोली अस्पताल या बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भ्रमण कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीमों से प्राप्त की जा सकती है.
एंटी लार्वा का होगा छिड़काव
ठहरे हुए पानी में मच्छर पैदा होते हैं. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एंटी लार्वा का छिड़काव करने के लिए दर्जनभर टीमों का गठन किया है. पानी हटने के बाद मच्छरों को मारने के लिए छिड़काव शुरू होगा. कहीं कोई दिक्कत होने पर संपर्क कर सकते हैं.