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क्षमता 13 सौ मीटरिक टन की लक्ष्य 65 सौ मीटरिक टन का

भोरे में धान की खरीदारी में आयी तेजी अब तक नौ सौ मीटरिक टन धान की हुई खरीदारी गोदाम के अभाव से प्रभावित हो सकती है खरीदारी भोरे : भोरे में धान क्रय केंद्र द्वारा धान की खरीदारी की जा रही है. 24 जनवरी से शुरू हुई खरीदारी में अब तक नौ सौ मीटरिक टन […]

भोरे में धान की खरीदारी में आयी तेजी
अब तक नौ सौ मीटरिक टन धान की हुई खरीदारी
गोदाम के अभाव से प्रभावित हो सकती है खरीदारी
भोरे : भोरे में धान क्रय केंद्र द्वारा धान की खरीदारी की जा रही है. 24 जनवरी से शुरू हुई खरीदारी में अब तक नौ सौ मीटरिक टन धान खरीदे जा चुके हैं. विभाग को 65 सौ मीटरिक टन धान की खरीद का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन भोरे में उपलब्ध दोनों गोदामों की क्षमता 13 सौ मीटरिक टन की है. ऐसे में एक गोदाम में धान का भंडारण किया जा चुका है लेकिन उठाव नहीं होने से धान की खरीदारी प्रभावित भी हो सकती है.
बता दें कि भोरे प्रखंड में कुल 17 पैक्स हैं, जिनमें से पांच पैक्स द्वारा अब तक धान की अधिप्राप्ति केंद्र को नहीं दी गयी है. जबकि दो पैक्स को धान अधिप्राप्ति का आदेश नहीं दिया गया है.
जिन पंचायतों को धान अधिप्राप्ति से वंचित रखा गया है, उनमें हुस्सेपुर एवं डोमनपुर पैक्स शामिल हैं. धान की खरीदारी का लक्ष्य भोरे में वर्ष 2014 में 65 सौ मीटरिक टन का लक्ष्य दिया गया था, जिसके मुकाबले भोरे में 49 सौ मीटरिक टन धान की खरीदारी की गयी थी. इस बार भी धान की खरीदारी का लक्ष्य 65 सौ मीटरिक टन ही दिया गया है लेकिन विलंब से शुरू हुए खरीदारी के कारण लक्ष्य की प्राप्ति एक चुनौती हो सकती है. इस बार विभाग द्वारा किसानों को बोरा नहीं दिया जा रहा है.
जबकि इससे पहले एसएफसी द्वारा बोरा उपलब्ध कराया जाता था. किसानों द्वारा सूत के बोरे में धान दिया जाना है, जिसका मूल्य किसानों को क्रय केंद्र से मिलेगा. बोरे के अभाव में कई किसानों ने प्लास्टिक के बोरे का इस्तेमाल किया है, लेकिन उनका धान क्रय केंद्र द्वारा नहीं लिया जा रहा है. किसानों को उनके धान का समर्थन मूल्य 1360 रुपये दिये जा रहे हैं. जबकि सरकार द्वारा प्रति क्विंटल किसानों को 300 रुपये बोनस के रूप में दिये जा रहे हैं. इस प्रकार किसानों को धान का कुल समर्थन मूल्य 1660/- रुपये प्रति क्विंटल देना है. ये राशि किसानों को पैक्स द्वारा उनके खाते में आरटीजीएस के माध्यम से दिया जाना है.
वहीं एसएफसी द्वारा धान का उठाव नहीं किये जाने से धान की मात्र में कमी आने के आसार भी दिख रहे हैं. धान क्रय केंद्र के प्रभारी परमानंद प्रसाद ने बताया कि अब तक कई बार एसएफसी को धान उठाव के लिए पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन अब तक धान का उठाव नहीं कराया गया है. इसमें विलंब होने से धान के वजन में कमी आ सकती है.

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